आम खाकर कैसे मरी बच्ची, सच जानने को कब्र से निकाला शव
बरेली : आम खाने से मौत का सच जानने के लिए बुधवार का बच्ची का शव जमीन से बाहर निकाला गया। शव का पोस्ट
बरेली : आम खाने से मौत का सच जानने के लिए बुधवार का बच्ची का शव जमीन से बाहर निकाला गया। शव का पोस्टमार्टम भी कराया गया लेकिन, उसमें भी वजह साफ नहीं हुई। बिसरा सुरक्षित रख लिया गया है। बिसरा की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हकीकत पचा चल सकेगी।
फतेहगंज पश्चिमी के पिपरिया गांव में कुरतरा गांव का दयाराम 14 जून को आम बेचने गया था। गांव के ज्ञानचंद्र ने दयाराम से दो किलो आम खरीदे थे। आम खाने से ज्ञानचंद्र की बेटी अनुष्का की मौत हो गई थी, जबकि तीन अन्य की भी तबियत खराब हो गई। तब परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया और गांव में नदी किनारे एक स्थान पर गड्ढा खोदकर दफना दिया। पुलिस भी मामले में मूकदर्शक बनी रही।
मामला तूल पकड़ा तो जागा प्रशासन
आम खाने से मौत का मामला तूल पकड़ा तो दूसरे दिन पुलिस प्रशासन की टीम हरकत में आई। फतेहगंज पश्चिमी थाने में आम विक्रेता दयाराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस ने दयाराम और थोक विक्रेता जगदीश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पीड़ित परिवार अनुसूचित जाति का है। लिहाजा आरोपित दयाराम और जगदीश के विरुद्ध एससीएसटी एक्ट भी लगाया गया।
विवेचना में उलझी पुलिस
चूंकि, बच्ची के शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ था, लिहाजा विवेचना के दौरान पुलिस उलझ गई। बगैर पोस्टमार्टम आरोप सिद्ध नहीं कर सकते। इसीलिए जमीन से शव निकलवाना पुलिस की मजबूरी बन गया। पुलिस एडीएम प्रशासन से परमीशन लेने के बाद बुधवार को जमीन से शव निकालने पहुंची। थाना फतेहगंज पश्चिमी के प्रभारी शिवदीन वर्मा, फॉरेंसिक टीम, एसडीएम मीरगंज रामअक्षवर ¨सह चौहान, सीओ राम प्रकाश ¨सह, तहसीलदार मीरगंज जलालउद्दीन भी मौके पर पहुंचे। इस दौरान फॉरेंसिक टीम ने फोटोग्राफी के साथ घटना से जुड़े साक्ष्यों को संकलित किया।