शाहजहांपुर में ऋणी किसानों तक सिमटी फसल बीमा, सामान्य कृषक वंचित
अतिवृष्टि ओलावृष्टि अनावृष्टि समेत दैवीय आपदा से फसल नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की गई। लेकिन यह येाजना ऋणी किसानों तक सिमट गई।
शाहजहांपुर, जेएनएन। अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, अनावृष्टि समेत दैवीय आपदा से फसल नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की गई। लेकिन यह येाजना ऋणी किसानों तक सिमट गई। बीमा कंपनियों की उदासीनता व प्रचार प्रसार के अभाव में अभी तक योजना फसल ऋण लेने वाले 10 हजार से 30 हजार किसानों तक ही सीमित है। सामान्य किसान इस योजना से जुड़ ही नहीं पा रहे हैं। उन्हें यह तक नहीं पता कि फसल बीमा भी होता है। यही वजह है कि गत वर्ष रबी की फसल में मात्र 51 तथा खरीफी में 138 सामान्य कृषकों ने बीमा कराया। इस वर्ष अभी तक संख्या शून्य है। जबकि ऋण लेने वाले 13754 किसानों के बैंक खाते से फसल बीमा प्रीमियम के नाम पर 47.76 लाख की कटौती की जा चुकी है।
बीमा कंपनियां मालामाल, किसान बेहाल
बीमा कंपनियों के लिए फसल बीमा योजना मुफीद साबित हो रही है। गत वर्ष खरीफ सीजन में 138 सामान्य कृषकों समेत कुल 14085 किसानों को फसल बीमा किया गया। कृषकों से एक करोड़ 49 लाख 927 प्रीमियम लिया गया। 1.26 करोड़ केद्रांश तथा 1.26 करोड़ राज्यांश प्रीमियम के रूप में कुल 4 करोड़ 1 लाख 58 हजार 188 प्रीमियम जमा हुआ। जलभराव व अतिवृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ। लेकिन बीमा कंपनियों ने 526 किसानों को मात्र 14 लाख 46हजार 409 रुपये मात्र का भुगतन किया। अकेले शाहजापुर से बीमा कंपनियों खरीफ सीजन में 3.85 करोड़ कमा लिए। इसी तरह रबी फसल में 12212 ऋणी व 51 सामान्य किसानों ने बीमा कराया। एक करोड़ 6 लाख 92 हजार 481 प्रीमियम के सापेक्ष मात्र 140 किसानों को पांच लाख का मुआवजा दिया गया। जबकि फरवरी से लेक मार्च के बीच बारिश से किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है।
इस वर्ष इफको टोक्यो को मिला बीम का जिम्मा
दो साल तक जनपद में यूनिवर्सल सोम्पो कंपनी ने फसल बीमा किया। किसानों की उपेक्षा मुआवजा में आनाकानी पर तिलहर विधायक रोशनलाल वर्मा ने शासन स्तर तक शिकायत की थी। इस वर्ष शासन ने जनपद में इफको टोक्यो बीमा कंपनी को जिम्मा मिला है। लेकिन कंपनी ने अभी यहां कोई दफ्तर तक नहीं बनाया, जबकि 31 जुलाई बीमा की अंतिम तारीख है।
फसल बीमा के यह होंगे लाभ
- अति वृष्टि, ओलावृष्टि अनावृष्टि, आग समेत दैवीय आपदा में नुकसान पर मुआवजा।
- फसल बुवाई न कर पाने की दशा में भी 50 फीसद मुआवजा भुगतान।
- खलिहान में 14 दिन के भीतर फसल नुकसान होने पर पूरा मुआवजा।
इस तरह करा सकते बीमा
- फसल बीमा के लिए खतौनी, खसरा, बैंक खाता, आधार कार्ड आवश्यक है।
- जिला कृषि अधिकारी कार्यालय, संबंधित बीमा कंपनी व बैंक से बीमा करा सकते।
- कॉमन सर्वसि पर ऑनलाइन फसल बीमा की सुविधा।
मुआवजा के लिए जरूरी नियम
- 72 घंटे के भीतर के भीतर फसल नुकसान की सूचना देनी चाहिए।
- संबंधित ग्राम पंचायत में तीन साल के औसत उपज के आधार नुकसान का आंकलन कर मुआवजा का भुगतान का नियम
- ऋणी किसान यदि बैंक को बीमा न कराने के लिए लिखकर देंगे तो उनका प्रीमियम नहीं कटेगा।
अभी तक फसल बीमा का लाभ नहीं मिला है। बीमा कंपनी के लोग ऋण लेने वाले किसानों तक सीमित है। मुआवजा कम मिले, इसके लिए भी तरीके निकाल लिए जाते हैं। कोरोना काल में किसानों का फ्री बीमा होना चाहिए। तारा सिंह, कृषक
फसल बीमा के नाम पर खानापूर्ति होती है। न कोई टीम सर्वे करने आती है, न ही मुआवजा मिलता है। जबकि किसानों का तहसील व सोसायटी में फसल बीमा के नाम पर प्रीमियम काट लिया जाता है।
पर्वत सिंह, कृषक
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ फसलों को नुकसान होने पर ही मिलता है। खरीफ में फसल लागत का दो फीसद प्रीमियम देना होता है। केंद्र व राज्य सरकार भी अनुदान के रूप में प्रीमियम का अंश अदा करती है। गत रबी सीजन में 140 तथा खरीफ में 528 किसानों को मुआवजा दिया गया।
फसल सीजन : ऋणी कृषक - गैर ऋणी - बीमित क्षेत्रफल - प्रीमियम - मुआवजा - लाभार्थी किसान
खरीफ 2019 : 18420 - 138 - 14085.00 - 40158188 - 1446809 - 528
रबी 2019-20 : 12212 - 51 - 9354.92 - 10692481 - 500000 - 140