फिरदौस जेल से छूटा, पुलिस ने फिर से दबोचा
जागरण संवाददाता, बरेली : पूर्व पार्षद फिरदौस अंजुम के नरमी बरतने के आरोपों से घिरी बारादरी पुलिस की
जागरण संवाददाता, बरेली : पूर्व पार्षद फिरदौस अंजुम के नरमी बरतने के आरोपों से घिरी बारादरी पुलिस की एक बार फिर फजीहत होते-होते रह गई। कमजोर धाराओं में नामजद किए गए पूर्व पार्षद को अदालत से जमानत मिल गई। वह देर शाम जेल से बाहर भी निकल आया। तभी पुलिस ने हरकत में आते हुए उसे गैर इरादतन हत्या के दूसरे मामले में गिरफ्तार करके हवालात में डाल दिया। उससे पहले ही पुलिस ने मुखबिर बताए जा रहे नौशाद उर्फ बड़े को भी दबोच लिया। दोनों के खिलाफ मीट कारोबारी मुन्ना कुरैशी के भाई नईम उर्फ लाली की तरफ से गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस ने एसएसपी के नाम पर उगाही का ऑडियो वायरल होने के बाद पार्षद पति एवं पूर्व पार्षद अंजुम फिरदौस को गिरफ्तार किया था। उस पर धोखाधड़ी और धमकाने का केस दर्ज कर जेल भेज दिया था। शुक्रवार को अदालत में जमानत के लिए उसकी अर्जी दाखिल की। जिस पर एसीजेएम प्रथम सियाराम चौरसिया ने 20-20 हजार रुपये की जमानत जेल से रिहा किए जाने के आदेश दे दिए। रात करीब नौ बजे परवाना पहुंचने पर फिरदौस को जेल से रिहा कर दिया गया। तभी वहां पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने उसे गैर इरादतन हत्या के मुकदमे में फिर से गिरफ्तार कर लिया और बारादरी थाने ले गई। अब उसे शनिवार को जेल भेजा जाएगा। उस पर कांकरटोला निवासी मीट विक्रेता मुन्ना कुरैशी उर्फ सलीम की गैर इरादतन हत्या का आरोप लगा है। कहा गया है कि 14 जून को कांकरटोला के सिपाही श्रीपाल व पुलिस लाइंस में तैनात दोस्त हरीशचंद्र दुकान से बुलाकर अंजुम के बरातघर अमीरा शादी हाल में लेकर गए। जहां गोमांस बेचने का आरोप लगाते हुए उनसे दो लाख रुपये की मांग की गई। इस दौरान उन्हें पीटा गया था। तबीयत खराब होने पर सड़क पर छोड़कर भाग निकले थे। परिजन मुन्ना को एसआरएमएस में भर्ती कराया फिर सुधार नहीं होने पर दिल्ली लेकर गए। जहां गुरुवार सुबह उनकी मौत हो गई। मौत की जानकारी के बाद मुहल्ले के लोगों ने शाहदाना चौराहे पर जाम लगाकर जमकर हंगामा काटा था। अधिकारियों के मुकदमें के अश्वासन पर हंगामा शांत हुआ था। पुलिस ने आरोपित कांकरटोला चौकी के मुखबिर बड़े निवासी जोगी नवादा को भी गिरफ्तार कर लिया है।
बड़े व अंजुम ने कराया गलत मुकदमा
पीड़ित परिवार का आरोप है कि जब वह घायल मुन्ना को अस्पताल लेकर जा रहे थे। उसी दौरान मुखबिर बड़े व अंजुम ने मिलकर मुन्ना के भाई का अंगूठा एक सादे कागज में लगवाया था। कहा कि अब हम देख लेंगे। जिसके बाद उसी सादे कागज पर तहरीर लिखकर पुलिस को दी गई। जिसमें दोनों सिपाहियों पर धमकाने का मुकदमा दर्ज किया गया था।