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    बरेली नगर निगम में भ्रष्टाचार, नई बिल्डिंग में सीलन से उखड़ने लगा प्लास्टर

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 04:30 PM (IST)

    बरेली में नगर निगम की नई इमारत भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। 21 करोड़ की लागत से बनी इमारत में सीलन से प्लास्टर उखड़ने लगा है। अधिकारियों के कार्यालयों में नमी है और शौचालय बदहाल हैं। बोर्ड हाल का निर्माण भी अधूरा है। नगर आयुक्त ने रिपोर्ट तलब की है।

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    प्रतीकात्मक फोटो 

    जागरण संवाददाता, बरेली। शहर में आमजन को सड़क, प्रकाश, पानी-सीवर सुविधाओं को उपलब्ध कराने वाले निगम की नई बिल्डिंग ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिख रही है। 21 करोड़ के नए कार्यालय भवन कंप्लीट होने से पहले सीलन, नमी के चलते प्लास्टर उखड़ने लगा है।

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    नगर आयुक्त कार्यालय के साथ, उप सभापति, मुख्य अभियंता, स्वास्थ्य, निर्माण समेत अन्य विभागों के कार्यालयों की दीवारें इसकी तस्दीक कर रही हैं। कई कार्यालय में फाल सीलिंग और कांच आदि भी टूटने लगा है। बिल्डिंग में हर ओर खामियां देख सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष के पार्षदों ने इसे भ्रष्टाचार की इमारत कहते हुए सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है।

    शासन ने वर्ष 2018-19 में 12.29 करोड़ से नगर निगम नवीन कार्यालय निर्माण की स्वीकृति दी। चार मंजिला भवन निर्माण की जिम्मेदारी मैसर्स वीके कंस्ट्रक्शन को दी गई। जिसे सिविल, इलेक्ट्रिल, फायर, एसी आदि काम 18 माह में पूरा करने का लक्ष्य दिया गया। मगर परियोजना अब तक पूर्ण नहीं को सका है।

    अभियंताओं की मिलीभगत-अनदेखी के चलते बीते दिनों बिल्डिंग की फाल सीलिंग तक टपकने लगी। किरकिरी होने के बाद कार्यदायी संस्था को नोटिस देकर कर्तव्यों की इतिश्री कर दी गई। साथ ही परियोजना में आइसीसीसी आदि निर्माण के लिए डिजाइन परिवर्तन के बाद पूरी परियोजना की धनराशि रिवाइज करते हुए बजट 21 करोड़ पहुंचा दिया गया।

    परियोजना के पूर्ण होने के बाद गुरुवार को दैनिक जागरण ने नई बिल्डिंग में अलग-अलग विभागों व अधिकारियों के कार्यालयों की पड़ताल की तो स्थिति चिंताजनक दिखी। बिल्डिंग के अलग-अलग हिस्से में जगह-जगह गुटखा की पीक रसीद की हुई मिली।

    नगर आयुक्त, उपसभापति नरेंद्र सिंह, लेखा विभाग, मुख्य अभियंता, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी समेत अन्य अधिकारियों के कार्यालय की दीवारों में नमी, सीलिंग व प्लास्टर छूटते दिखे। सभी तल पर शौचालय भी पूरी तरह बदहाल दिखी। बदबू से वहां खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा था। जो बिल्डिंग के कार्य में गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ को पूरी तरह स्पष्ट करता है।

    बोर्ड हाल अब भी नहीं बना पूरा

    नगर निगम के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने इस वर्ष के शुरुआत में ही बोर्ड बैठक के लिए नई बिल्डिंग में बने बोर्ड हाल में सदन की बैठक बुलाने का दावा किया जो सिर्फ दावों तक ही सिमटकर रह गई। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक बोर्ड हाल का कार्य पूरा नहीं हो सका है। बोर्ड में अब तक न तो लाइटें लग सकी हैं, न ही टायलेट का निर्माण हो सका है।

    साथ ही पार्षदों के बैठने और सभापति, सचिव व अन्य अधिकारियों के बैठने के लिए सीटिंग एरिया को कप्लीट नहीं किया जा सका है। निगम के अभियंताओं और कार्यदायी संस्था के मिलीभगत के चलते परियोजना पूरी तरह बदहाल होने लगी है।

    बोले पार्षद- भ्रष्टाचार की इमारत, हो उच्चस्तरीय जांच

    निगम की नई बिल्डिंग गुणवत्ताहीन, मानक विहीन और पूरी तरह मिलीभगत-अनदेखी का शिकार हुई है। यह बिल्डिंग भ्रष्टाचार की इमारत है। पूरे परियोजना की उच्चस्तरीय जांच के साथ जिम्मेदारों पर कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए।

    -गौरव सक्सेना, पार्षद, सपा

    नगर निगम की नई बिल्डिंग में न तो अधिकारियों के कार्यालय ठीक से बने हैं न ही पार्षदों के। बोर्ड हाल अब तक नहीं बन सका है। हर ओर सीलन और उखड़ते प्लास्टर बता रहे हैं कि बिल्डिंग पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।

    -छंगामल मौर्य, पार्षद, भाजपा

    नई बिल्डिंग की खामियाें की शिकायतें मिली हैं। अभियंताओं को पूरी रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा है। बिल्डिंग में गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

    -संजीव कुमार मौर्य, नगर आयुक्त


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