Corona positive in Bareilly : जिला अस्पताल में कोरोना पॉजीटिव भर्ती, फिर भी लगा रहा मरीजों का रेला
जिला अस्पताल में कोरोना प्रोटोकॉल का मजाक बनाया जा रहा है। जहां वह भर्ती है उससे कुछ दूरी पर ही सोमवार को सैकड़ों लोगों की स्क्रीनिंग की गई।
बरेली, जेएनएन। जिला अस्पताल में कोरोना प्रोटोकॉल का मजाक बनाया जा रहा है। कोरोना पॉजीटिव मरीज के घर के आसपास एक किलोमीटर क्षेत्र को सील कर दिया गया है, लेकिन जहां वह भर्ती है उससे कुछ दूरी पर ही जिला अस्पताल में सोमवार को सैकड़ों लोग पहुंचे। तीन काउंटर खोलकर उनकी स्क्रीनिंग की गई। अस्पताल वालों ने प्रोटोकॉल पूरा करने को अपर निदेशक स्वास्थ्य के भी निर्देशों को पूरा नहीं किया।
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए आए शासन के प्रोटोकॉल में संक्रमित मरीज जिस अस्पताल में भर्ती होगा, वहां अन्य मरीजों को नहीं रखा जाएगा। एहतियात के तहत ही संक्रमित मरीज के घर के एक किलोमीटर दायरे को सील कर दिया गया है। उसे जिला अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया है। जिला अस्पताल में सोमवार को साढ़े सात सौ से अधिक मरीज फ्लू कार्नर में पहुंचे। अस्पताल परिसर में मरीजों की लंबी लाइन लग गई। कोरोना वार्ड से कुछ दूरी पर ही मरीज लाइन में काफी देर तक खड़े रहे।
तीन काउंटर खोले गए
मरीजों की भीड़ को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने दो अन्य फ्लू कॉर्नर खोल दिए। एक काउंटर ओपीडी के पास नान कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) क्लीनिक में और दूसरी सड़क के पास दूसरे हिस्से में। दोपहर बाद तक डॉक्टरों ने वहां मरीज देखे। डॉ. अजमेर सिंह, डॉ. रजनीकांत, डॉ. मयंक गुप्ता, डॉ. राहुल बाजपेई, डॉ. मोहित वीर सिहं, डॉ. राजीव समेत अन्य ने मरीजों की स्क्रीनिंग की।
बाहर से लौटने वाले व सुभाष नगर के लोग अधिक
सोमवार को जिला अस्पताल पहुंचने वालों में सबसे अधिक संख्या दूसरे शहरों से लौटने वालों की सबसे ज्यादा रही। सुभाष नगर के कई लोगों ने भी पहुंचकर स्क्रीनिंग करवाई। डॉ. अजमेर सिंह ने बताया कि जो लोग बाहर से लौटे हैं उन्हें ग्राम प्रधान, पुलिस गांव में जाने नहीं दे रहे हैं। इस कारण उन्होंने जांच करवाई। सुभाषनगर में संक्रमित मरीज मिलने के बाद वहां के कई लोग एहतियात के तौर पर दिखाने पहुंचे।
तैयार नहीं हुआ लेवल वन अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग ने जिले में कोरोना लेवल वन का अस्पताल बिथरी चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को बनाया है। विभाग की मंशा एक अप्रैल से वार्ड शुरू करने की थी। इससे पहले ही संक्रमित मरीज मिलने के कारण उसे जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। लेवल वन के अस्पताल में अभी व्यवस्थाएं पूरी नहीं हो पाई हैं। वही, तीन सौ बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भी क्वारंटाइन वार्ड नहीं बन पाया है। एडी हेल्थ डॉ. राकेश दुबे ने दो दिन पहले निरीक्षण कर आइसोलेशन वार्ड का रास्ता अलग करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने महिला अस्पताल का रास्ता वहां से बंद करने को कहा था। वार्ड की ओर रास्ते पर बैरीके¨डग करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक रास्ता अलग नहीं किया गया है।
व्यवस्थाएं नहीं होने पर बिगड़ा स्टाफ
कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बावजूद जिला अस्पताल में डॉक्टर, नर्स व अन्य स्टाफ के क्वारंटाइन की व्यवस्था नहीं होने पर सभी बिगड़ गए। उन्होंने अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डॉ. टीएस आर्या से शिकायत की। उन्हें प्राइवेट वार्ड में रहने को कहा गया तो उन्होंने वहां व्यवस्थाएं नहीं होना बताकर इन्कार कर दिया। शाम को उन्हें क्वारंटाइन करने के लिए होटल में व्यवस्था की गई।
क्या बोले जिम्मेदार अधिकारी
जिला अस्पताल का निरीक्षण कर प्रोटोकॉल के तहत आइसोलेशन वार्ड का रास्ता अलग करने, वहां बैरीकेडिंग करने और फ्लू कॉर्नर को ओपीडी की ओर चलाने के निर्देश दिए थे। अगर ऐसा नहीं किया गया है तो गलत है। इस पर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। - डॉ. राकेश दुबे, अपर निदेशक (स्वास्थ्य)