UP Lok Sabha Election Results 2019: कांग्रेस की करारी हार से आगे भी राह दुश्वार
कांग्रेस की मंडल में खराब स्थिति की वजह पार्टी का कमजोर संगठन और पहले से तैयारी न करना रहीं।
बरेली, जेएनएन: कांग्रेस की मंडल में खराब स्थिति की वजह पार्टी का कमजोर संगठन और पहले से तैयारी न करना रहीं। टिकट मिलने के बाद प्रत्याशियों के समर्थन में लोगों ने जुटना शुरू कर दिया था, लेकिन कार्यकर्ताओं की अंदरूनी गुटबाजी से मामला बिखर गया। चुनाव नजदीक आते-आते वोटर कांग्रेस से दूर हो गया। चुनाव में करारी शिकस्त के बाद अब आला कमान ने बड़े बदलाव की तैयारियां कर ली हैैं।
जिले में चुनाव से पहले ही कई गुटों में बंटा कांग्रेस का संगठन एक नहीं हो सका। संगठन की चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू से ही काफी धीमी रहीं। प्रत्याशी और कार्यकर्ता आपस में ही समन्वय नहीं बना सके। जब पार्टी ने प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगाई तो तेजी से जनसमर्थन प्रत्याशियों की ओर आकर्षित हुआ था। दिग्गज प्रत्याशियों की स्थिति चुनाव में काफी मजबूत मानी जा रही थी। ज्यों-ज्यों चुनाव नजदीक आता गया वोटर प्रत्याशी से दूर होता चला गया। इसमें बड़ी वजह बूथ लेवल तक कार्यकर्ताओं की पहुंच नहीं होना रहा। वहीं, भाजपा की नीचे के स्तर तक तैयारी काफी मजबूत थी। संगठन ने भी एकजुट होकर काम किया।
दो चुनावों में सिर्फ एक बार मिली सीट
इस लोकसभा चुनाव में मंडल की पांच सीटों में से कांग्रेस ने चार सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। सभी जगह कांग्रेस के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे। पूर्व के दो चुनावों में सिर्फ एक बार बरेली सीट से वर्ष 2009 में प्रवीण सिंह ऐरन सांसद बन पाए। शाहजहांपुर सीट से वर्ष 2009 में उमेद सिंह कश्यप और 2014 में चेतराम चौथे स्थान पर रहे। पीलीभीत से वर्ष 2009 में वीएम सिंह ने दूसरा स्थान पाया था, लेकिन 2014 में संजय कपूर चौथे पायदान पर चले गए। वर्ष 2014 में आंवला सीट पर भी सलीम इकबाल शेरवानी को चौथे स्थान मिला, जबकि वह 2009 में बदायूं सीट से तीसरे स्थान पर रहे थे।
दिग्गज भी नहीं कर पाए कमाल
कांग्रेस ने इस बार मंडल में दिग्गज नेताओं को टिकट दिए थे। उन्होंने चार बार के सांसद सलीम इकबाल शेरवानी को बदायूं से टिकट दिया। तीन बार सांसद और दो बार विधायक रह चुके कुंवर सर्वराज सिंह को आंवला से टिकट दिया। मंडल में जीत दर्ज करा चुके प्रवीन सिंह ऐरन पर भी भरोसा जताया। इसके बावजूद कोई भी दिग्गज मोदी लहर में काम नहीं आ पाया।
जिलाध्यक्ष बोले - उच्च स्तरीय संगठन ने कार्यकर्ता के मन की बात नहीं सुनी
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रामदेव पांडेय ने बताया कि पार्टी के उच्च स्तरीय संगठन ने कार्यकर्ता के मन की बात न सुनी न समझी। कोई संसाधन उपलब्ध नहीं कराए। बरेली में आज तक पार्टी के पास अपना भवन नहीं है। अगर संगठन की तरफ ध्यान दिया गया होता तो बेहतर परिणाम हो सकते थे।
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