लखीमपुर खीरी जा रहेे नवजोत सिंह सिद्धू के काफिले को पीलीभीत में पुलिस ने रोका, अनुमति दिखाने पर लखीमपुर के लिए किया रवाना
Congress Leader Navjot Singh Sidhu पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू गाड़ियों के लंबे काफिले के साथ पीलीभीत के रास्ते लखीमपुर खीरी जिले के लिए रवाना हो गए। उत्तराखंड के ऊधमसिंनगर की ओर से आए उनके काफिले को अमरिया में बार्डर पर रोका गया।
बरेली, जेएनएन। Congress Leader Navjot Singh Sidhu : पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू गाड़ियों के लंबे काफिले के साथ पीलीभीत के रास्ते लखीमपुर खीरी जिले के लिए रवाना हो गए। उत्तराखंड के ऊधमसिंनगर की ओर से आए उनके काफिले को अमरिया में बार्डर पर रोका गया। अपर पुलिस अधीक्षक ने उनसे बातचीत की। इसके बाद काफिला आगे के लिए रवाना कर दिया गया। शुक्रवार को दोपहर करीब साढ़े बारह बजे उत्तराखंड से सितारगंज होते हुए सिद्धू का काफिला पीलीभीत जिले के अमरिया तहसील के बार्डर पर पहुंचा।
वहां पहले से मुस्तैद पुलिस ने उनके काफिले को रोक लिया। मौके पर मौजूद अपर पुलिस अधीक्षक डा. पवित्र मोहन त्रिपाठी ने सिद्धू की कार के पास पहुंचकर उनसे लखीमपुर खीरी जाने के लिए शासन की अनुमति के संबंध मेंं बातचीत की। एएसपी को सिद्धू ने बताया कि उन्होंने नौ गाड़ियों के साथ लखीमपुर खीरी जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने की अनुमति ले रखी है। जिसे शासन ने मंजूर किया है।इसके बाद पुलिस ने सिद्धू के काफिले को जनपद की सीमा में प्रवेश करने दिया। कांग्रेस नेता का काफिला अमरिया, जहानाबाद, पीलीभीत शहर के बांसुरी चौराहा होते हुए पूरनपुर की ओर चला गया। अमरिया में उत्तराखंड बार्डर पर जब उनके काफिले को रोका गया, तब सिद्धू पूरे समय अपनी गाड़ी में ही बैठे रहे। उन्होंने किसी से कोई बातचीत नहीं की।
लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुए बवाल में नौ लोगों की मौत हो गई थी। इनमें चार किसान भी शामिल थे। इस घटना के बाद से कांग्रेस, सपा और किसान संगठन के नेता लखीमपुर खीरी में पीडि़त परिवारों से मिलने के लिए पहुंच रहे हैं। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कल भी लखीमपुर पहुंचने का प्रयास किया था लेकिन उन्हें मेरठ में रोक लिया गया था। इसके बाद आज वे फिर से वहां जाने के लिए निकले थे। अपर पुलिस अधीक्षक डा. पवित्र मोहन त्रिपाठी ने बताया कि कांग्रेस नेता के पास लखीमपुर खीरी जाने की शासन की अनुमति थी, जिसके चलते उन्हें पीलीभीत जिले में प्रवेश कराकर लखीमपुर खीरी जिले के लिए रवाना कर दिया गया।