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कमिश्नर ने खींचा खाका अब ऐसे होगा जिला अस्पताल का सुधार : Bareilly News

चिकित्सा अफसरों से जानकारी मांगी है। जेहन में सुधार का खाका तैयार भी किया है। सोमवार को इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sun, 23 Jun 2019 10:27 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 10:27 AM (IST)
कमिश्नर ने खींचा खाका अब ऐसे होगा जिला अस्पताल का सुधार : Bareilly News
कमिश्नर ने खींचा खाका अब ऐसे होगा जिला अस्पताल का सुधार : Bareilly News

बरेली, जेएनएन : भर्ती के अभाव में बच्ची की मौत हो जाने के बाद जिला अस्पताल की बदइंतजामी का चर्चा जोरों पर है। इस बार चिकित्सकों और स्टाफ के रवैये के साथ ही बच्चा वार्ड में कमियों की गूंज लखनऊ तक सुनाई दी है। कार्रवाई भी हुई है लेकिन सुधार के लिए कदम उठते नहीं दिख रहे हैं। ‘जागरण’ ने इस मुद्दे पर कमिश्नर से बात की तो उनका कहना है कि काफी कुछ किए जाने की जरूरत है। उसके लिए चिकित्सा अफसरों से जानकारी मांगी है। जेहन में सुधार का खाका तैयार भी किया है। सोमवार को इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

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संसाधनों के साथ रवैये में बदलाव की दरकार

लाखों लोगों की सेहत का बोझ उठाए महाराणा प्रताप जिला संयुक्त चिकित्सालय कम संसाधन और बेदम सिस्टम का शिकार हो चुका है। यहां आधुनिक तकनीक और उपकरण तो दूर की कौड़ी। कई जांच भी मशीन और स्टाफ के अभाव में बाहर करानी पड़ती है। मरीजों का इलाज करने के लिए ना पर्याप्त डॉक्टर हैं और ना पैरा मेडिकल स्टाफ। कई नर्सिग कर्मियों की पोस्ट भी खाली है।

नवजात के लिए और रेडिएंट वार्मर जरूरी
जिला अस्पताल में पिछले दिनों जिला व महिला अस्पताल के सीएमएस को लेकर चला कोल्ड वार खासा चर्चा में रहा। वजह कम जगह और संसाधन की वजह से बच्चों को भर्ती ना करना। हाल में प्रभारी अधिकारी ने जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड का निरीक्षण किया। 12 बेड के वार्ड में चार रेडिएंट वार्मर थे। जिला अस्पताल का भी यही हाल है। शासन को डिमांड भेजे काफी समय हो चुका लेकिन अभी तक मुहैया नहीं हो सके।

43 चिकित्साधिकारी, 14 का हो रहा इंतजार
हॉस्पिटल में मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक के अलावा 26 अन्य चिकित्सा अधिकारियों के पद हैं। इस पर कुल 43 डॉक्टरों की जगह स्वीकृत हैं। इस समय जिला अस्पताल में 14 जगह रिक्त हैं। इसमें चिकित्सा अधीक्षक, न्यूरो फिजीशियन, न्यरो सर्जन, कॉर्डियोलॉजी, नेफ्रालॉजिस्ट, डेंटल सर्जन समेत कई डॉक्टर हैं ही नहीं। वहीं, दो फिजीशियन, एक डेंटल सर्जन, चेस्ट फिजीशियन, बाल रोग विशेषज्ञ भी कम हैं।

पैरामेडिकल स्टाफ में भी 10 पद रिक्त चल रहे
पैरामेडिकल स्टाफ के करीब 16 संवर्ग हैं। इसमें 35 स्वीकृत पद हैं। जिसमें कार्यरत 25 और 10 पद रिक्त हैं। फार्मेसी अधिकारी हैं नहीं। वहीं, चीफ फार्मेसिस्ट के तीन, एक-एक पद लैब टेक्नीशियन, ऑप्ट्रोमैटिस्ट, आर्थोटिस्ट प्रोथेटिस्ट के पद खाली हैं। नर्सिग संवर्ग में सहायक नर्सिग अधीक्षक के दो पद खाली हैं। वहीं, ओटीएस का पद रिक्त, सिस्टर के चार पद खाली पड़े हैं।

आवश्यक संसाधनाें की जानकारी मांगी 

मंडल आयुक्त रणवीर प्रसाद ने कहा कि जिला संयुक्त चिकित्सालय में व्यवस्थाओं के मद्देनजर सोमवार को फीडबैक और आवश्यक संसाधनों की जानकारी मांगी है। उसके बाद सुधार की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

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