कॉलेजों ने गलत भर दिया फीस प्रतिपूर्ति का डेटा
गुरुवार को विश्वविद्यालय में कॉलेजों से भेजे गए मास्टर डेटा की जांच में गड़बड़ी पकड़ी गई। दो कॉलेजों डेटा अपलोड ही नहीं किया।
बरेली, जेएनएन : महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों की लापरवाही छात्र-छात्राओं को भुगतनी पड़ सकती है। कई कॉलेजों ने छात्र-छात्राओं की फीस प्रतिपूर्ति में गलत डेटा भरा दिया। किसी जगह 5000 की जगह 500 रुपये फीस भर दी तो किसी ने 10 हजार रुपये। गुरुवार को विश्वविद्यालय में कॉलेजों से भेजे गए मास्टर डेटा की जांच में गड़बड़ी पकड़ी गई। दो कॉलेजों डेटा अपलोड ही नहीं किया। एक मेडिकल कॉलेज ने पांचवे साल के छात्रों की फीस का डेटा ही नहीं भरा। जबकि आखिरी तारीख 30 अक्टूबर है। बार-बार कहने के बाद भी कॉलेज सुन नहीं रहे हैं। अब कई कॉलेजों को फोन कर डेटा दुरुस्त करने के लिए कहा गया।
विश्वविद्यालय से संबद्ध 548 कॉलेज संचालित हैं। इनमें स्नातक, परास्नातक से लेकर मेडकिल कोर्सों के छात्र-छात्राओं को समाज कल्याण विभाग फीस प्रतिपूर्ति करता है। कॉलेजों को अपने यहां के छात्र-छात्राओं का कोर्स, सीट, फीस आदि का ब्योरा देना होता है। इस मास्टर डेटा की जांच के लिए रुहेलखंड विश्वविद्यालय में नोडल अधिकारी नामित किए हैं। यही अधिकारी गुरुवार को मास्टर डेटा का सत्यापन कर रहे थे। सत्यापन के बिना फीस प्रति पूर्ति नहीं
नोडल अधिकारी प्रो. पीबी सिंह ने बताया कि कुछ कॉलेजों ने डेटा गलत भरा है। उसे ठीक कराया जा रहा है। विश्वविद्यालय स्तर से सत्यापन होने के बाद इसकी रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग को भेजी जाएगी। वहां से सत्यापन होने के बाद फिर निदेशालय से छात्रों को फीस प्रतिपूर्ति दी जाएगी।