बरेली में नाटक के जरिए हास्य व युवा कलाकारों बयां किया दर्द
एसआरएमएस रिद्धिमा सभागार में मंगलवार को हुए मस्तमौला नाटक का मंचन हुआ। कलाकारों ने भावविभोर अभिनय से सभागार में तालियां गूंजने लगीं। नाटक की कहानी तीन लड़के सुरीले रंगीले और छबीले पर आधारित थी।जो अपनी कला के सहारे कुछ बनने की चाह में खाली जेब शहर चले आते हैं।
बरेली, जेएनएन। एसआरएमएस रिद्धिमा सभागार में मंगलवार को हुए मस्तमौला नाटक का मंचन हुआ। कलाकारों ने भावविभोर अभिनय से सभागार में तालियां गूंजने लगीं। नाटक की कहानी तीन लड़के सुरीले, रंगीले और छबीले पर आधारित थी। जो अपनी कला के सहारे कुछ बनने की चाह में खाली जेब शहर चले आते हैं। नाटक में दर्शाया कि शहर की महंगाई और बेरोजगारी के चलते घर की तलाश में भटकते तीनों लड़कों को पंडित पंजीरी लाल का घर किराये पर मिल जाता है। तीनों लड़के आर्थिक तंगी के चलते पंडित पंजीरी को आए दिन बेवकूफ बनाते रहते हैं। इसी बीच पंडित जी की लड़की आरती को छबीले से प्रेम हो जाता है। पंजीरी को इस बात की जानकारी होने पर वह तीनों लड़कों को घर से निकल देते हैं। बाद में उन्हें लड़कों की सच्चाई पता चलती है कि लड़के ईमानदार इंसान थे। नाटक का निर्देशन जरीफ मालिक आनंद ने किया। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति, ट्रस्टी आशामूर्ति, आदित्य मूर्ति, ऋचा मूर्ति आदि मौजूद रहे।