पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेगा स्वच्छ भारत अभियान
बरेली (जेएनएन)। स्वच्छ भारत अभियान की मुहिम से अब स्नातक और परास्नातक के छात्र-छात्राएं सीधे
बरेली (जेएनएन)। स्वच्छ भारत अभियान की मुहिम से अब स्नातक और परास्नातक के छात्र-छात्राएं सीधे जुड़ेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों को अपने पाठ्यक्रम में स्वच्छ भारत अभियान शामिल करने का निर्देश दिया है। च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के जरिये पंद्रह दिन की समर इंटर्नशिप प्रोग्राम चलेगा। इसके अंतर्गत विद्यार्थी गांवों में जाकर साफ-सफाई की अलख जगाएंगे।
यूजीसी ने विश्वविद्यालय से कहा कि वो सीबीसीएस के अंतर्गत वैकल्पिक विषय के तौर पर स्व'छता के बारे में पढ़ाए। अधिक से अधिक छात्रों को यह विषय लेने के लिए जागरुक करें। जो छात्र स्वच्छता विषय लेंगे उन्हें दो क्रेडिट प्वाइंट्स दिए जाएंगे। वहीं, रुविवि प्रशासन पर भी स्व'छता के मुद्दे पर गंभीर है। अधिकारियों का मानना है कि इस मुहिम के जरिये निश्चित तौर पर गंदगी मिटाने में सफलता मिलेगी। एनएसएस इकाइयां सक्रिय
रुविवि कैंपस से लेकर कॉलेजों तक की एनएसएस इकाईयां साफ-सफाई की अलख जगाती हैं। गांवों में शिविर लगते हैं। नुक्कड़ नाटक, रैली, बैनर पोस्टर और घर-घर संपर्क के जरिये ग्रामीणों को साफ-सफाई के लिए प्रेरित किया जाता है। पाठ्यक्रम में शामिल होने का लाभ यह होगा कि हर छात्र इससे सीधे जुड़ जाएगा। डिग्री कॉलेज भी होंगे शामिल
स्वच्छता की इस मुहिम में बरेली-मुरादाबाद मंडल के नौ जिलों के सभी 512 डिग्री कॉलेज भी शामिल होंगे। वे भी अपने छात्रों को स्व'छता विषय लेने को जागरूक करेंगे। साफ-सफाई की गतिविधियों के लिए छात्रों को गांव-स्लम क्षेत्रों में भेजेंगे। वर्जन :
स्वच्छता एक महत्वपूर्ण विषय है। सबकी भागीदारी से ही साफ-सफाई होगी। यूजीसी का पत्र मिलते ही इस पर काम किया जाएगा।
-प्रोफेसर अनिल शुक्ल, कुलपति रुविवि