Move to Jagran APP

जागरण संवाद : सर्किल रेट कम हों, डीजल के दाम भी गिरे Bareilly News

मूल बात सामने आई कि सरकार की सोच सकारात्मक है भ्रष्टाचार भी पहले के मुकाबले कम है। लेकिन नीतिगत फैसलों में खामियों की वजह ही स्लो डाउन का सबब बना है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 10:30 AM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 05:43 PM (IST)
जागरण संवाद : सर्किल रेट कम हों, डीजल के दाम भी गिरे Bareilly News
जागरण संवाद : सर्किल रेट कम हों, डीजल के दाम भी गिरे Bareilly News

बरेली, जेएनएन : देश भर में स्लोडाउन बड़ी परेशानी का सबब बना है। रियल एस्टेट व ट्रांसपोर्ट सेक्टर भी इससे प्रभावित होता दिख रहा। दैनिक जागरण ने रविवार को संवाद में शहर के डेवलपर्स और ट्रांसपोर्टरों से बात की। मूल बात सामने आई कि सरकार की सोच सकारात्मक है, भ्रष्टाचार भी पहले के मुकाबले कम है। लेकिन नीतिगत फैसलों में खामियों की वजह ही स्लो डाउन का सबब बना है। इन फैसलों में संशोधन या तब्दीली लाने के बाद ही आर्थिक मंदी की ओर बढ़ रहे कदम थमेंगे और एक बार फिर कदम आर्थिक मजबूती की ओर बढ़ेंगे।
पांच साल से रियल एस्टेट पर मंदी की मार
रियल एस्टेट का सेक्टर पिछले काफी सालों से मंदी की मार झेल रहा। चूंकि, रियल एस्टेट से छोटे-बड़े करीब 400 दूसरे कारोबार प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े हैैं। इसमें ईंट-मौरंग, सरिया, गिट्टी, बालू, प्लाईवुड-लकड़ी, सैनेटरी, शीशे, होम अप्लाइंस, कपड़ा, फर्नीचर जैसे तमाम कारोबार शामिल हैैं। धीरे-धीरे से सभी व्यापार भी स्लो डाउन की चपेट में आ गए। कारोबार धीमा हुआ तो ट्रांसपोर्टर भी खाली बैठ गए।

loksabha election banner

यह भी पढ़ें : वाहनों के खरीदार घटे, भविष्य की योजनाएं प्रभावितwww.jagran.com/uttar-pradesh/bareilly-city-the-slowdown-in-the-economy-has-affected-buyers-of-vehicles-and-plans-for-the-future-bareilly-news-19525744.html

प्रधानमंत्री आवास योजना बन सकती संजीवनी
पीएम नरेंद्र मोदी की अति महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) रियल एस्टेट सेक्टर को काफी हद तक मंदी से उबार सकती थी। वजह इस योजना में प्रदेश में ही लाखों की तादाद मेें मकान बनने थे। इस काम में तेजी आती तो बिल्डर्स अपने अन्य प्रोजेक्ट भी करते। इससे सीधे तौर पर जुड़े कारोबार भी स्लो डाउन में नहीं आते। लेकिन प्रदेश में पीएम आवास योजना के लिए मानक पूरे करना बिल्डरों के लिए टेढ़ी खीर थी। यही वजह रही कि राज्य भर में अभी तक दस फीसद मकान भी नहीं बने।
ट्रांसपोर्टरों पर बढ़ा डीजल की कीमत का भार
ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि स्लो डाउन से ट्रांसपोर्ट का काम ठप था। हालात यह हैैं कि कानपुर में दो हजार से ज्यादा ट्रांसपोर्टरों ने अपनी गाड़ी आरटीओ के हवाले कर दीं, जिससे कम से कम तीन महीने के लिए अनावश्यक लगने वाले टैक्स से बचा जा सके। इस बीच प्रदेश सरकार ने अक्टूबर 2018 में 2.50 रुपये प्रति लीटर वैट कम किया था। अब पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाला वैट फिर बढ़ा दिया। इससे डीजल की कीमत एक रुपये प्रति लीटर बढ़ गई। जबकि फिलहाल माहौल देखते हुए इस नियम को लागू नहीं किया जाना चाहिए था।

यह भी पढ़ें : पहले भुगतान 8 दिन में, अब लग रहे 45 www.jagran.com/uttar-pradesh/bareilly-city-earlier-payments-used-to-be-made-in-8-days-now-it-is-taking-45-days-bareilly-news-19531503.html

रियल एस्टेट फिर सुधारने के लिए जरूरी बदलाव

  • सर्किल रेट बढ़ाने की जगह उत्तराखंड की तरह कम किया जाए।
  • योजना ऐसी हो कि मिडिल और अपर मिडिल क्लास मकान खरीद सके।
  • प्राधिकरण जोनल प्लान डेवलप करें, जो अभी तक नहीं।
  • बिल्डर्स को मोटिवेट करने की स्कीम रहें, जैसे पीएम आवास योजना में सुधार हो।

ट्रांसपोर्ट को फिर दौड़ाने के लिए जरूरी मुद्दे

  • डीजल जीएसटी के दायरे मेें हो, वैट को हटाया जाए।
  • सड़क हादसे पर मौत पर इंश्योरेंस की राशि हवाई दुर्घटना या सड़क दुर्घटना की तरह तय हो।
  • ग्रॉस वेट पर इनकम टैक्स कम हो।
  • टोल टैक्स में हर साल बढ़ोत्तरी बंद की जाए।

यह भी पढ़ें : ग्राहक कम हुए, टैक्स ने भी बढ़ाई उलझनwww.jagran.com/uttar-pradesh/bareilly-city-customers-decreased-and-tax-also-increased-confusion-bareilly-news-19528457.html

क्या कहते हैैं अतिथि
इस वित्तीय वर्ष रियल एस्टेट में बूम की उम्मीद थी। लेकिन एनसीआर के बड़े और महत्वाकांक्षी बिल्डर्स के लिए बनी पॉलिसी को ही देश भर मेें लागू कर दिया। - दिनेश गोयल, एमडी, निओस्टार रियलिटी

सर्किल रेट में सुधार जरूरी है। वहीं, बिल्डिंग प्लान से पहले मास्टर प्लान और फिर जोनल प्लान बने। जो अभी तक बना नहीं। - धर्मेंद्र गुप्ता, चेयरमैन, डीजी इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड।

बिल्डर्स पर डेवलपमेंट चार्ज नहीं लगाएं। उन्हें आधारभूत सुविधाएं भी मिलें। जिससे वो बेहतर काम करने के लिए प्रोत्साहित हों। - अयूब हसन खां, उपाध्यक्ष, क्रेडाई

रियल एस्टेट सेक्टर के प्रोजेक्ट को बैैंक फाइनेंस करने में आनाकानी करते हैैं। जो फाइनेंस करते भी हैैं, वो करीब तीन फीसद बढ़ी हुई दर पर। इसकी जगह बैैंकों को आगे आना चाहिए। ताकि रकम मूव करे। - हरदीप ओबेरॉय, डायरेक्टर, ओम रेजीडेंसी

रियल एस्टेट में तेजी आने पर ही अन्य कारोबार भी गति पकड़ सकते हैैं। ऐसे में ब्यूरोक्रेसी को जमीनी अधिकारियों से बात कर पॉलिसी में तब्दीली लानी चाहिए। - शंकर अग्रवाल, डायरेक्टर, एसपीवीपी इन्फ्रा डेवलपर्स

यह भी पढ़ें : बाजार में कैश की कमी, लोन देने से कतरा रहे बैंकwww.jagran.com/uttar-pradesh/bareilly-city-lack-of-cash-in-the-market-banks-are-refused-to-give-loans-19537595.html

सड़क दुर्घटना में बीमा क्लेम को लेकर एकरूपता बेहद जरूरी है। वहीं, इंश्योरेंस कंपनी थर्ड पार्टी प्रीमियम बढ़ाती जा रहीं। इस पर रोक जरूरी है। - हरीश विग, यूनिवर्सल कार्गो हाउस

सरकार को हर राज्य में 15 साल से पुराने ट्रकों को पूरी तरह बैन कर देना चाहिए। वहीं, डीजल पर वैट में छूट बरकरार रखी जाए।  - अमरजीत सिंह बक्शी, बक्शी ट्रांसपोर्ट

सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों को भी जीएसटी की दरों में लाने की बात कही थी। इसे पूरा करने के बजाए मंदी के दौर में वैट की बोझ भी डाल दिया। - शोभित सक्सेना, जिलाध्यक्ष, एसएस रोडलाइंस

छोटे-छोटे गलत फैसले स्लो डाउन की ओर ले जा रहे। ट्रांसपोर्टनगर दशकों बाद भी नहीं बस सका है। टोल नाकों पर ट्रांसपोर्टरों को बोझ हर साल बढ़ रहा। - अजय कुमार सिंह, दीपक ट्रांसपोर्ट

पहले बैैंकर्स गाड़ी देने के लिए खुद आते थे। अब हम जाते हैैं, फिर भी गाड़ी फाइनेंस में परेशानी होती है। स्लो डाउन शुरू होने के बाद अब तो ट्रांसपोर्टर ली गाड़ी भी सरेंडर करने की जुगत में है। - दानिश जमाल, एनआर ट्रांसपोर्टर 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.