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Chinmayananda Case Update : छात्रा के बयान से दुष्कर्म केस में आया नया मोड़, चिन्मयानंद की आसान होगी मुश्किलें

पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद पर चल रहे दुष्कर्म के मुकदमे में नया मोड़ आ गया है। लगभग 14 माह पुराने इस प्रकरण में छात्रा के अपने आरोपों से मुकरने के बाद जहां चिन्मयानंद की मुश्किलें आसान हो सकती हैं

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 11:43 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 04:22 PM (IST)
Chinmayananda Case Update : छात्रा के बयान से दुष्कर्म केस में आया नया मोड़, चिन्मयानंद की आसान होगी मुश्किलें
छात्रा के बयान से दुष्कर्म केस में आया नया मोड़, चिन्मयानंद की आसान होगी मुश्किलें

शाहजहांपुर, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद पर चल रहे दुष्कर्म के मुकदमे में नया मोड़ आ गया है। लगभग 14 माह पुराने इस प्रकरण में छात्रा के अपने आरोपों से मुकरने के बाद जहां चिन्मयानंद की मुश्किलें आसान हो सकती हैं, लेकिन उनसे ब्लैकमेलिंग की आरोपित छात्रा व तीनों युवकों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। हालांकि इस मामले में दो दिन बाद फिर से सुनवाई होनी है। उसके बाद ही आगे का रुख तय होगा। 24 अगस्त को शहर के लॉ कालेज की छात्रा ने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो वायरल किया था, जिसमें उसने चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था।

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चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने छात्रा व उसके दोस्त संजय सिंह, विक्रम सिंह व सचिन पर चौक कोतवाली में पांच करोड़ की रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज कराया था। जबकि छात्रा के पिता की ओर से बेटी को अगवा करने की तहरीर दी गई थी। 27 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया था। 30 अगस्त को पुलिस ने छात्रा को राजस्थान के दौसा से बरामद किया गया था।

तीन सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश सरकार ने आइजी नवीन अरोड़ा के नेतृत्व में एसआइटी गठित की थी। जांच व बयानों के बाद 20 सितंबर 2019 को चिन्मयानंद को एसआइटी ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उनसे ब्लैकमेलिंग के आरोपित संजय, विक्रम व सचिन को भी उसी दिन गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद 25 सितंबर को ब्लैकमेलिंग के आरोप में छात्रा की भी गिरफ्तारी हुई थी। 13 दिसंबर को छात्रा को जेल से रिहाई मिल गई थी।

हाईकोर्ट से जमानत मंजूर होने पर पांच फरवरी 2020 को चिन्मयानंद रिहा हुए थे। ब्लैकमेलिंग के अन्य आरोपितों की भी जमानत मंजूर हो गई थी। इसके बाद चिन्मयानंद की ओर से दी गई अर्जी पर फरवरी में ही हाईकोर्ट के आदेश पर इस दुष्कर्म व ब्लैकमेलिंग के मुकदमों काके लखनऊ की एमपी एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था,

जिसके बाद से इसकी सुनवाई वहां चल रही थी। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने चिन्मयानंद को छात्रा के बयान की कॉपी न देने के आदेश दिए थे। नौ अक्टूबर को लखनऊ में छात्रा व चिन्यामनंद की पेशी हुई थी, बताया जा रहा है कि उस दिन छात्रा अपनी ओर से लगाए आरोपों से मुकर गई थी।

इस मुकदमे की सुनवाई लखनऊ में चल रही है। वहां किसने क्या बयान दिए मुझे जानकारी नहीं है। छात्रा के बयान से मुकरने के बारे में भी नहीं पता है। ओम सिंह, अधिवक्ता चिन्मयानंद


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