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संस्कारशाला की कहानी पर बच्चों ने दिए फटाफट जवाब

दैनिक जागरण का संस्कारशाला अभियान शिक्षकों व ब'चों में मन मस्तिष्क में उतर गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 09:00 AM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 09:00 AM (IST)
संस्कारशाला की कहानी पर बच्चों ने दिए फटाफट जवाब
संस्कारशाला की कहानी पर बच्चों ने दिए फटाफट जवाब

जेएनएन, शाहजहांपुर : दैनिक जागरण का संस्कारशाला अभियान शिक्षकों व बच्चों में मन मस्तिष्क में उतर गया है। बुधवार को तक्षशिला स्कूल में इसका असर दिखा। प्रसन्नता के मंत्र विषयक कहानी को मास्टर ट्रेनर प्रभा मौर्य ने बड़े रोचक ढंग से सुनाकर बच्चों को प्रसन्न रहने के तरीके बताए। बच्चों ने अक्षय पर केंद्रित कहानी संबंधी सवालों के फटाफट जवाब देकर खूब तालियां बटोरी। प्रधानाचार्य उज्जवला सिन्हा ने दैनिक जागरण के संस्कारशाला अभियान की सराहना की। बताया कि उनके स्कूल के कई बच्चे पुरस्कार भी जीत चुके हैं। बुधवार को सुबह प्रार्थना सभा में नियमित कार्यक्रम के बाद प्रभा मौर्य ने संस्कारशाला में खुशी के मंत्र बताए। उन्होंने अक्षय की कहानी को बड़े ही रोचक ढंग से समझाया। इसके बाद कहानी से जुड़े सवाल किए। सैकड़ों बच्चों ने जवाब के लिए हाथ उठाए। मास्टर ट्रेनर ने संस्कार का महत्व समझाते हुए प्रसन्नता पर जोर दिया।

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महर्षि वाल्मीकि को श्रद्धांजलि

संस्कारशाला से पूर्व महर्षि वाल्मीकि जयंती को मनाया गया। प्रधानाचार्य उज्जवला सिन्हा मास्टर ट्रेनर प्रभा मौर्य, विपिन मौर्य समेत जागरण परिवार के सदस्यों तथा शिक्षिकाओं ने महर्षि बाल्मीकि के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। प्रधानाचार्य ने महर्षि बाल्मीकि के कृतित्व, व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।

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इंसेट

लाइब्रेरी में सुरक्षित है कहानी संग्रह

फोटो 24 एसएचएन 8

दैनिक जागरण के संस्कारशाला अभियान का बच्चों के मन मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। स्कूल की लाइब्रेरी में संस्कारशाला की सभी कहानियों का संग्रह सुरक्षित है। यह कहानियां बच्चों को बेहद रोचक लगती है। पूर्व में प्रकाशित कहानियों को भी बच्चों रुचि के साथ पढ़ते। बच्चों को संस्कारित बनाने पर स्कूल प्रबंधन भी जोर दे रहा है।

उज्जवला सिन्हा, प्रधानाचार्य तक्षशिला पब्लिक स्कूल

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फोटो 24 एसएचएन 6

हाईटेक युग में जरूरी हो गए संस्कार

संचार क्रांति के हाईटेक युग में संस्कारों को लोग भूल रहे हैं। दैनिक जागरण ने संस्कारशाला अभियान से संस्कारों का महत्व समझाने को अभियान चलाया, जो कि समय की जरूरत है। संस्कार बच्चों के अंत:करण में उतरे, इसके लिए स्टोरी टे¨लग अच्छा प्रयास है।

फहीम, हेड ब्वॉय कक्षा -12

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फोटो 24 एसएचएन 3

मुझे कहानी बहुत अच्छी लगी। मैडम ने जब सवाल पूछा तो फटाक से बता दिया। हमें हर स्थिति में खुश रहने का प्रयास करना चाहिए।

सृष्टि ¨सह, कक्षा 4

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फोटो 24 एसएचएन 4

खुश रहना सभी को अच्छा लगता है। मम्मी, पापा जब नाराज होते तो खराब लगता है। अब उन्हें भी अक्षय की कहानी सुनाउंगी।

पहली कक्षा - 3

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फोटो 24 एसएचएन 5

हमारे पास जो है उसमें खुश रहना चाहिए। संस्कारशाला की कहानी से खुश रहने की प्रेरणा मिली। मुझे संस्कारशाला की कहानी का इंतजार रहता है।

समर्थ शुक्ला, कक्षा - 6

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फोटो 24 एसएचएन 7

मुझे खुश रहना अच्छा लगता है। संस्कारशाला की कहानी से अब दूसरों को भी खुश रहने के लिए कहूंगा। मैंने कहानी को ध्यान से सुना, इसलिए झट से उत्तर दे दिया।

अक्षत शर्मा, कक्षा 4


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