दो और शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी
माध्यमिक शिक्षा महकमे में दो और शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी मिले हैं।
जागरण संवाददाता, बरेली : माध्यमिक शिक्षा महकमे में दो और शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी मिले हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक ने इनकी नियुक्ति भी निरस्त कर दी हैं। आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से हुए सत्यापन में इनका खुलासा होने के बाद फर्जी सर्टिफिकेट पर मंडल के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है। इनमें पुरुष शिक्षक 27 और महिला शिक्षक 11 हैं। इनकी नियुक्ति एलटी ग्रेड सहायक अध्यापक के पद पर की गई थी।
मेरिट के आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया होने की वजह से इन्होंने स्नातक और बीएड की अंकतालिकाओं में अंक बढ़वाए थे। इसके लिए इन्होंने दलालों और अंक बढ़ाकर फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह की मदद ली थी और फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन किया था। फर्जी सर्टिफिकेट के बदले में इनसे दलालों और गिरोह ने वसूली की। हालांकि, इस गिरोह का खुलासा होना बाकी है। इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस अपनी विवेचना में अभी तक गिरोह तक नहीं पहुंच सकी है। ऐसे में, मामला दबने के आसार दिख रहे हैं। इन जिलों में निकले शिक्षक : फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी पाने वाले शिक्षकों में बरेली में 12, शाहजहांपुर में 9, पीलीभीत में 8 और बदायूं में 9 शिक्षक कार्यरत पाए गए। इनकी नियुक्ति राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षक अभियान के तहत नए खुले राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में हुई थी। नियुक्ति निरस्त होने के बाद अब ये शिक्षक कार्यरत नहीं हैं।
--- अटके सत्यापन कराने को शासन को लिखा जाएगा
आगरा विश्वविद्यालय और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी को भेजे गए करीब 20 शिक्षकों के सत्यापन महीनों से फंसे हुए हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक इन विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को सत्यापन रिपोर्ट के लिए कई बार रिमाइंडर दे चुके हैं। अब सत्यापन कराने के लिए शासन को लिखा जाएगा। सत्यापन न होने से न सिर्फ इन शिक्षकों का पिछले दो साल से वेतन नहीं निकल सका है, वहीं नियुक्ति प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो सकी है।