केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र, वाई शेप होगा फ्लाईओवर Bareilly News
मौजूद डिजाइन से पुल बना तो चौपुला की हालात बन जाएंगे जाम लगता रहेगा। इसलिए पुल के डिजाइन में थोड़ा परिवर्तन कर दिया जाए।
बरेली, जेएनएन : सेटेलाइट तिराहा पर बन रहे ओवरब्रिज का डिजाइन बदला जाएगा। अभी लखनऊ छोर से श्यामगंज छोर की ओर सीधा पुल बन रहा है। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने आशंका जताई थी कि इस डिजाइन से जाम की समस्या और बढ़ेगी। इसलिए ओवरब्रिज का एक सिरा पीलीभीत रोड की ओर भी उतारा जाए। इस बाबत उन्होंने अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।
शनिवार को केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने अधिकारियों के साथ बैठक कर सेटेलाइट पुल निर्माण की प्रगति जानी थी। तब उन्होंने कहा था कि मौजूद डिजाइन से पुल बना तो चौपुला की हालात बन जाएंगे, जाम लगता रहेगा। इसलिए पुल के डिजाइन में थोड़ा परिवर्तन कर दिया जाए। इस बाबत उन्होंने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा है। लिखा कि पुल का एक सिरा पीलीभीत रोड की ओर भी उतारा जाए।
यह है मुश्किल
पुल लखनऊ छोर से सीधे श्यामगंज छोर पर उतरेगा, ऐसे में पीलीभीत की ओर जाने वाले वाहनों को भी बेवजह आगे पुल के उतार तक जाना होगा। वहां से यू टर्न लेकर वाहन पीलीभीत रोड पहुंचेंगे, ऐसे में जाम लग सकता है।
दूसरा रास्ता यह है कि लखनऊ की ओर से आने-जाने वाले छोटे वाहन पुल के नीचे सर्विस लेन होकर गुजरें। लेकिन वहां रोडवेज बसों की आवाजाही, शहर का ट्रैफिक भी होगा जोकि जाम की वजह बनेगा। ऐसे में बेहतर विकल्प है कि पुल का एक सिरा पीलीभीत रोड पर भी उतारा जाए ताकि उधर के वाहन पुल से ही सीधे चले जाएं।
जागरण ने पहले ही जताई थी जरूरत
जागरण ने सेटेलाइट पुल के पीलीभीत बाईपास पर भी उतारे जाने की जरूरत पहले भी जताई थी। सेतु निगम के अफसरों ने भी जाम की समस्या से निजात को इसी डिजाइन को जरूरी बताया था। अब केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने इस पर अपनी सहमति जताई है।
रेलवे ने लालफाटक पर की पैमाइश
सर्किट हाउस में केंद्रीय मंत्री की बैठक के बाद शहर के सुनियोजित विकास की तैयारी शुरू हो गई है। बैठक में अलग-अलग निर्माणाधीन कार्यो से शहरवासियों को दिक्कत ना हो, इसके लिए योजना बनी थी। बैठक में ही एसपी यातायात ने सुझाव दिया था कि अगर लालफाटक क्रॉसिंग के पास अस्थाई रूप से जगह चौड़ा कर रास्ता बना दें तो लालफाटक ओवरब्रिज का निर्माण भी होता रहेगा और लोगों के आने-जाने का रास्ता भी रहेगा। इसके लिए रेलवे क्रॉसिंग को भी करीब तीस मीटर आगे बढ़ाना होगा।
बैठक में रेलवे अधिकारी भी मौजूद थे, इसलिए प्लानिंग पर काम करने को कहा गया। सोमवार को रेलवे अधिकारी मौके पर गए और देखा कि हकीकत में यह कितना संभव होगा। अब रेलवे अधिकारी अगले दो-तीन दिन में ड्राइंग बनाएंगे। फिर तय होगा कि पुल के नीचे पड़ने वाली दोनों रेलवे क्रॉसिंग को कितना बढ़ाया जा सकेगा। तय होने के बाद फिर पीडब्ल्यूडी कैंट की ओर से जाते समय लालफाटक के पास खाली प्लाट पर मिट्टी डलवाकर अस्थाई मार्ग की दिशा में काम करेगी।
पांच मीटर की चौड़ाई पर अटका शहदाना प्रोजेक्ट
इज्जतनगर से शाहदाना के बीच शहर की लाइफलाइन (सड़क) को लेकर रेलवे विकास प्राधिकरण और केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के प्रस्ताव के बीच महज सड़क की चौड़ाई ही मुख्य मुद्दे के तौर पर फंसी है। दोनों के बीच में फिलहाल पांच मीटर (करीब 16.50 फीट) का अंतर है।
दरअसल, पूवरेत्तर रेलवे की इज्जतनगर से शाहदाना के बीच बंद लाइन की जगह सड़क बनाने का पहला प्रस्ताव केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार की ओर से वर्ष 2014 में भेजा गया। इसके बाद से प्रस्तावित सड़क की चौड़ाई कई बार बदली। रेलवे विकास प्राधिकरण जहां पहले महज आठ मीटर ही जमीन देने के हक में था। वहीं, बाद में वह 12 मीटर तक आया। कुछ और प्रयास हुए तो पंद्रह मीटर (करीब 49 फीट) चौड़ी सड़क तक मामला पहुंचा। केंद्रीय मंत्री की ओर से वर्ष 2018 में भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक 20 मीटर चौड़ी सड़क जरूरी है। इसी वजह से रेलवे विकास प्राधिकरण एक बार फिर इज्जतनगर से शाहदाना के बीच अपनी जमीन की पैमाइश करा देख रहा कि आखिर सड़क बनाने के लिए कितनी जगह लीज पर दी जा सकती है? जिससे शेष जगह पर सड़क के दोनों और बाजार बनाया जा सके।
कम तो कहीं ज्यादा है एरिया
इज्जतनगर से शाहदाना के बीच रेलवे विकास प्राधिकरण की जमीन एकसमान नहीं है। निर्वाना ग्रीन लैंडस्केप आर्किटेक्ट्स के निदेशक रजत खंडेलवाल ने सड़क की सबसे कम चौड़ाई वाली जगह की पैमाइश कराई। मुख्य रूप से उन प्वाइंट को लिया जो क्रॉसिंग वाले चौराहे (सबसे संकरी जगह) थीं।