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कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना बाेले- एसजीपीजीआइ के एक्सपर्ट की रिपाेर्ट पर हाेगी प्रदेश मे ब्लैक फंगस से निपटने की तैयारी, तीन दिन में साैंपेगी रिपाेर्ट

शाहजहांपुर में कोरोना संक्रमण की दर कम होने के साथ ही ब्लैक फंगस पर काबू पाने के लिए प्रदेश सरकार ने कवायद तेज कर दी है। संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने एसजीपीजीआइ के निदेशक के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 05:54 PM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 05:54 PM (IST)
कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना बाेले- एसजीपीजीआइ के एक्सपर्ट की रिपाेर्ट पर हाेगी प्रदेश मे ब्लैक फंगस से निपटने की तैयारी, तीन दिन में साैंपेगी रिपाेर्ट
कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना बाेले- एसजीपीजीआइ के एक्सपर्ट की रिपाेर्ट पर हाेगी प्रदेश मे ब्लैक फंगस से निपटने की तैयारी

बरेली, जेएनएन। शाहजहांपुर में कोरोना संक्रमण की दर कम होने के साथ ही ब्लैक फंगस पर काबू पाने के लिए प्रदेश सरकार ने कवायद तेज कर दी है। सूबे के वित्त, संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने एसजीपीजीआइ के निदेशक आरके धीमन के नेतृत्व में एक्सपर्ट की पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है जो फंगस के प्रकार, उनके प्रभाव समेत प्रभावी उपचार के बारे में तीन दिन के अंदर उन्हें रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे की तैयारियां होंगी।

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शनिवार को राजकीय मेडिकल के निरीक्षण के दौरान मीडिया से बातचीत में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इस कमेटी में अनुभवी लोग शामिल किए गए हैं। यह एक्सपर्ट ब्लैक फंगस बीमारी कितने तरीके की हो सकती है, उसका बचाव क्या होगा, इलाज कैसे हो सकता है। इन सबका अध्ययन कर तीन दिन के अंदर रिपोर्ट तैयार करेगी। उसके बाद ही इस पर विस्तार से बता पाना व जल्द रोकथाम कर पाना संभव होगा। खन्ना ने बताया कि अब तक की एक्सपर्ट रिपोर्ट के मुताबिक यह फंगस धमनियों में खून का प्रवाह रोकता है। शुगर के मरीजों को ज्यादा प्रभावित कर सकता है।

मरीज की स्थिति पर हो रहा इलाज

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि खून का प्रवाह रुकने पर आंख के नीचे या चेहरे पर काला निशान बन जाता है। इसलिए इसे ब्लैक फंगस नाम दिया गया है। तकनीकी नाम के आधार पर इसका इलाज शुरू किया है। इसमें एक मरीज को 50 से 60 इंजेक्शन आठ से दस दिन के अंदर लगाए जाने होते हैं। यानी छह से सात इंजेक्शन रोज। खन्ना ने बताया कि यह इंजेक्शन मरीज की शारीरिक स्थिति देखते हुए दिए जा रहे हैं। जिस तरह से कोरोना की संक्रमण दर कम करने में सफलता पाई। उसी तरह इस बीमारी को भी रोकथाम हो जाएगी।


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