मंजिल तक पहुंचना चाहते हैं सलामत तो बस आपके लिए सबसे बेहतर
केंद्रीय सड़क, परिवहन और राज्यमार्ग मंत्रालय ने हादसों पर अंकुश लाने के लिए हाल मे तीन दिवसीय सेमिनार किया गया।
जेएनएन, बरेली : केंद्रीय सड़क, परिवहन और राज्यमार्ग मंत्रालय ने हादसों पर अंकुश लाने के लिए हाल में तीन दिवसीय सेमिनार किया। उड़ीसा के भुवनेश्वर में हुए सेमिनार में सभी राज्यों से परिवहन महकमे के अधिकारी पहुंचे। देश भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े सामने रखे गए। इसमें सामने आया कि सड़क पर अन्य किसी भी सवारी वाहन की तुलना में बस ज्यादा सुरक्षित हैं। वहीं, दोपहिया और चारपहिया वाहनों से होने वाली दुर्घटनाएं पचास फीसद है, जबकि ट्रक जैसे बड़े वाहन का दुर्घटना प्रतिशत 21 से ज्यादा है।
बरेली में कमोबेश भी यही हाल मिला। ट्रक, टेंपो से सबसे ज्यादा मौत बरेली से जुड़े आंकड़े देखे गए तो मिला कि ट्रक और टेंपो यहां भी सबसे ज्यादा मौतों की वजह मिले। पिछले साल दोपहिया वाहनों से 21 फीसद मौत हुई। कार, जीप और टैक्सी से साढ़े 18 फीसद, ट्रक और टेंपो आदि से 27.2 फीसद लोगों की मौत हुई। वहीं, ऑटो रिक्शा से महज 4.3 फीसद, बसों से नौ फीसद व अन्य वाहनों से 19.5 फीसद लोग हादसों का शिकार हुए। चौथाई हादसों की वजह दोपहिया वाहन खास बात कि मौत भले ही चार पहिया और उससे बड़े वाहनों से ज्यादा होती हैं लेकिन सबसे ज्यादा हादसे (26.2 फीसद) दोपहिया वाहन करते हैं। कार, जीप जैसे चारपहिया वाहन इसके बाद 22.2 फीसद के साथ हैं। वहीं, ट्रक, टेंपो जैसे वाहनों से 9.9 फीसद हादसे होते हैं। बड़े और कॉमर्शियल वाहनों से हादसों में बस (8.6) इनके मुकाबले काफी पीछे है।
केंद्रीय सड़क, परिवहन और राज्यमार्ग मंत्रालय की ओर से उड़ीसा में हर सूबे से परिवहन महकमे के अधिकारी बुलाए गए थे। देश में हुए हादसों के आंकड़े दिखाते हुए इसमें सुधार करने को कहा है।
- आरपी सिंह, एआरटीओ (प्रशासन), बरेली