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चिन्मयानंद प्रकरण: कोर्ट में पेश हुए ब्लैकमेलिंग के आरोपित भाजपा नेता डीपीएस राठौर

चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग के आरोपित भाजपा नेता व जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) चेयरमैन डीपीएस राठौर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ओमवीर सिंह की कोर्ट में पेश हुए।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 10:04 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 10:04 AM (IST)
चिन्मयानंद प्रकरण: कोर्ट में पेश हुए ब्लैकमेलिंग के आरोपित भाजपा नेता डीपीएस राठौर
चिन्मयानंद प्रकरण: कोर्ट में पेश हुए ब्लैकमेलिंग के आरोपित भाजपा नेता डीपीएस राठौर

जेएनएन, शाहजहांपुर : पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग के आरोपित भाजपा नेता व जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) चेयरमैन डीपीएस राठौर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ओमवीर सिंह की कोर्ट में पेश हुए। उन्हें जमानत दे दी गई। अब वह इस मामले में अन्य आरोपितों के साथ छह जनवरी को कोर्ट में पेश होंगे।

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गुरुवार दोपहर डीपीएस राठौर की ओर से सीजेएम कोर्ट में पेश होकर जमानत के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया गया। बाद में कोर्ट में बहस के दौरान उनके वकील ने कहा कि डीपीएस राठौर को गलत आरोप में फंसाया गया है। उनका कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। इस मामले में सहभियुक्तों की जमानत हो चुकी। इसलिए उन्हें भी जमानत दे दी जाए। जिसके बाद सीजेएम ने जमानत का पर्याप्त आधार मानते हुए डीपीएस राठौर को रिहा करने का आदेश जारी कर दिया। उन्होंने इसके लिए 60-60 हजार रुपये की दो जमानतें व इस आशय का वचनपत्र दाखिल करने के आदेश दिए कि डीपीएस मुकदमे के दौरान गवाहों को न तो डराएंगे न ही धमकाएंगे। सुनवाई में कोर्ट का सहयोग करेंगे। जिसके बाद कोर्ट ने जमानतदारों का चरित्र व संपत्ति का सत्यापन करने के लिए प्रपत्र थाने व संबंधित तहसील को भेज दिए। सत्यापन रिपोर्ट आने तक डीपीएस राठौर की अस्थायी जमानत रहेगी। रिपोर्ट दाखिल होने के बाद उनकी जमानत स्थाई होगी। डीपीएस राठौर भाजपा के जिला महामंत्री रह चुके हैं। वह भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष जेपीएस राठौर के भाई हैं।

अजीत नहीं हुए पेश

इस मामले में भाजयुमो के पूर्व जिला महामंत्री अजीत ङ्क्षसह का नाम भी चार्जशीट में शामिल किया गया है, लेकिन अजीत कोर्ट में पेश नहीं हुए हैं। माना जा रहा है कि वह भी जल्द कोर्ट में पेश होकर जमानत करा सकते हैं।

जारी हुए थे चार समन

एसआइटी ने चार नवंबर को अपनी जांच पूरी करने के साथ ही डीपीएस राठौर व अजीत ङ्क्षसह का नाम चार्जशीट में शामिल किया था। दोनों पर चिन्मयानंद से ब्लैकमेङ्क्षलग का आरोप था। हालांकि जो धाराएं लगाईं गईं थीं वे जमानतीय थीं, इसलिए दोनों को पहले ही थाने से जमानत मिल गई थी। उसके बाद कोर्ट से चार बार समन जारी किए गए, जिसमें गुरुवार को डीपीएस ने अपनी जमानत करा ली।

बोले डीपीएस, मैं निर्दोष

जमानत मिलने के बाद डीपीएस राठौर अपने घर के लिए रवाना हो गए। इससे पहले उन्होंने मीडिया से सिर्फ इतना कहा कि इस मामले में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। कोर्ट पर उन्हें पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि वह निर्दोष हैं। उन्होंने कोई ऐसा काम नहीं किया है। वह जल्द दोषमुक्त होकर आएंगे।  


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