बरेली के ‘बजरंगी भाईजान’ महिला और नवजात को पहुंचाएंगे नेपाल Bareilly News
करीब एक महीने पहले बरेली जंक्शन पर जीआरपी सिपाहियों को नेपाल की गर्भवती युवती लावारिस हालत में मिली थी। इसकी सूचना आशा ज्योति केंद्र को सूचना दी गई।
बरेली, जेएनएन : जंक्शन पर लावारिस हालत में मिली नेपाली महिला अपने बच्चे के साथ जल्द घर वापस जा सकेगी। बरेली के ‘बजरंगी भाईजान’ कहे जाने वाले शैलेश शर्मा उन्हें घर पहुंचाएंगे। सिटी मजिस्ट्रेट मदन कुमार ने इसकी पहल करते हुए शैलेश की सामाजिक संस्था से मदद मांगी है। हालांकि, जब तक उसके घर-परिवार का पता नहीं चलता, तब तक उसे महिला शरणालय में रखा जाएगा।
करीब एक महीने पहले बरेली जंक्शन पर जीआरपी सिपाहियों को नेपाल की गर्भवती युवती लावारिस हालत में मिली थी। इसकी सूचना आशा ज्योति केंद्र को सूचना दी गई। इसके बाद उसे महिला शरणालय में रखा गया। युवती गर्भवती थी इसलिए उसे महिला जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। करीब 24 दिन पहले उसने एक बच्चे को जन्म दिया। अब अस्पताल से उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है।
आशा ज्योति केंद्र की वर्कर महिला व नवजात को लेकर गुरुवार को सिटी मजिस्ट्रेट के पास पहुंची और पूरी कहानी बताई। उन्होंने महिला से नाम पूछा तो उसने बताया कि उसका नाम सीमा है। वह नेपाल की रहने वाली है। यहां पर काम की तलाश में सहेली के साथ आई थी, लेकिन सहेली उसे छोड़कर भाग गई। इसके आगे वह कुछ भी बता नहीं पा रही है।
वहीं, उसका बच्चा भी काफी कमजोर हैं। जिस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने महिला, नवजात को घर पहुंचाने के लिए मनो समर्पण मनो सामाजिक सेवा समिति के अध्यक्ष शैलेश कुमार शर्मा से सहायता मांगी है। शैलेश लावारिस हाल में मिलने वाले और मानसिक मंदितों को घर पहुंचाने का काम करते हैं। शैलेश को बरेली का ‘बजरंगी भाईजान’ भी कहा जाता है।
रिश्तेदार बताकर बच्चा लेने पहुंच गए थे कई लोग
जब नेपाली महिला अस्पताल में भर्ती थी तो कई लोग खुद को उसका रिश्तेदार बताकर वहां पहुंच गए थे। उसके बच्चे को लेने की कोशिश की थी, लेकिन प्रशासन की चौकसी के चलते वह सफल नहीं हो पाए थे।