भगवान श्रीकृष्ण को सबसे प्रिय है भाद्रपद का महीना
सावन में शिव आराधना के बाद अब भगवान श्रीकृष्ण की आराधना का पवित्र मास भाद्रपद चार अगस्त से शुरु हो चुका है। यह पावन महीना दो सितंबर तक चलेगा।
बरेली, जेएनएन : सावन में शिव आराधना के बाद अब भगवान श्रीकृष्ण की आराधना का पवित्र मास भाद्रपद चार अगस्त से शुरु हो चुका है। यह पावन महीना दो सितंबर तक चलेगा। बता दें भाद्रपद का अर्थ कल्याण देने वाला यह महीना व्रत उपवास नियम निष्ठा का पालन करना सिखाता है और प्रायश्चित करने के लिए सर्वोत्तम कहां जाता है। दरअसल भाद्रपद का महीना मन को शुद्ध करने और पवित्र भाव भरने के लिए काफी कारगर है।
आचार्य मुकेश मिश्रा बताते हैं कि यह मास भगवान श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय मास कहा जाता है। जिस प्रकार सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की उपासना का महत्व होता है। ठीक उसी प्रकार भाद्रपद का महीना भगवान श्रीकृष्ण की आराधना के लिए सर्वोत्तम महत्व रखता है। श्रीकृष्ण का अवतार भी इसी महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि में हुआ था। इसी महीने में कजरी तीज, श्रीकृष्ण जन्ममहोत्सव, राधा जन्मोत्सव, भगवान गणेश महोत्सव, अनंत चतुर्दशी, कुश की अमावस्या आदि त्योहार शामिल है। चतुर्मास का यह दूसरा पवित्र महीना कहा जाता है और ङ्क्षहदू कैलेंडर का छठा महीना इस महीने में लड्डू गोपाल की स्थापना और शंख की स्थापना से धन यश वैभव आदि की संपन्नता आती है। श्रीमछ्वागवत गीता का पाठ भी शुभ परिणाम देता है।
संतान प्राप्ति के लिए वरदान है भाद्र पद का महीना
जिनकी कोई संतान नहीं है ऐसे जातकों को भगवान श्रीकृष्ण का जन्ममहोत्सव भव्यता से मनाया चाहिए। संतान गोपाल मंत्र जाप करने से और हरिवंश पुराण का पाठ श्रवण करने से संतान की प्राप्ति सहजता से हो जाती है।
इन चीजों का करें परहेज
- इस महीने में कच्ची चीजें खाने से परहेज करें।
- दही का प्रयोग करना पूर्ण रूप से वर्जित है।
- इस महीने में रक्तचाप बढऩे की संभावना होती है। इसका भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- इस माह में रविवार को चावल न खाने की सलाह दी जाती है। इसके आखिरी रविवार में आपको इसका ध्यानपूर्वक पालन करना चाहिए।