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Believe in god : बाल मनुहार पर ‘शक्ति’ के हाथों विराजे गणेश Bareilly News

परिवार वालों ने समझाया कि सिर्फ प्रतिमा लाने से स्थापना नहीं होती। विधि विधान से पूजन करना होता है। ऐसे में अचानक स्थापना भला कैसे हो सकेगी।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 09:18 AM (IST)Updated: Fri, 06 Sep 2019 01:35 PM (IST)
Believe in god : बाल मनुहार पर ‘शक्ति’ के हाथों विराजे गणेश Bareilly News
Believe in god : बाल मनुहार पर ‘शक्ति’ के हाथों विराजे गणेश Bareilly News

बरेली [अविनाश चौबे] : कभी मनुहार तो कभी जिद...इसके आगे मां का मन भला कब नहीं पिघला। तब कान्हा करते थे तो मां न चाहते हुए भी उनके माखन खाने की मनुहार पूरी करती थी। वैसे ही पुकार पंजाबपुरा के दो बच्चों ने की। मां से नहीं...पड़ोस में रहने वाली महिलाओं से। वे उनकी मां नहीं हैं मगर ममत्व तो उनमें है ही। उन दोनों बच्चों की मनुहार को उन्होंने स्वीकार कर लिया। इसके बाद जो हुआ, वह उत्सव बन गया। पूरा मुहल्ला उसमें शामिल हुआ। इन सभी दिनों में, इस पर्व की जो भी तैयारियां थीं, मातृशक्ति ने ही अपन जिम्मे लीं।

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वाकया पांच दिन पुराना है। पंजाबपुरा की गली सैदपुरिया में रहने वाले सनी व अरुण कश्यप आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं। शहर में गणेश पूजन होते देखते आए तो इस बार उन्होंने भी गणपति स्थापना की तैयारी कर ली। घर वालों को बिना बताए भगवान गणोश की छोटी प्रतिमा ले आए। परिवार वालों ने समझाया कि सिर्फ प्रतिमा लाने से स्थापना नहीं होती। विधि विधान से पूजन करना होता है। ऐसे में अचानक स्थापना भला कैसे हो सकेगी।

निराश बच्चे जिद पर अड़ गए प्रतिमा की स्थापना तो करेंगे। कहकर वे पड़ोस में रहने वाली महिलाओं के घर गए। किसी से चाची कहा तो किसी से ताई...मन की इच्छा भी जता दी। वहां रहने वाली विनीता मिश्र, रितु कश्यप, नीलम माहेश्वरी, सरिता पाठक और किरन सक्सेना ने बच्चों की मनुहार और गणपति स्थापना की जिद पूरी करने का वादा किया। कहा कि इसमें तो खर्च भी आएगा।

बच्चे झट से गए और गुल्लक तोड़कर उसमें रखे 750 रुपये ले आए। विनीता, रितु मुस्कुराईं। यह कहकर दोनों बच्चों को भेज दिया कि जाओ सजावट का सामान लेकर आओ, बाकी तैयारी हम लोग करेंगे। पांचों महिलाओं ने बच्चों की जिद को उत्सव में बदलने का मन बना लिया। 31 अगस्त और एक सितंबर को मुहल्ले के कुछ और लोगों को शामिल कर आर्थिक मदद ली।

टेंट से लेकर पूजा सामग्री तक का इंतजाम महिलाओं के हवाले
इन पांचों महिलाओं के साथ मुहल्ले के कई अन्य परिवार भी शामिल हो गए। इन महिलाओं ने ही टेंट का इंतजाम किया और पूजा सामग्री का भी। पांच दिनों का कार्यक्रम भी तय कर लिया। दो सितंबर को पंडाल सजाकर गणपति विराजमान किए गए। पहले दिन प्रदोष पूजन हुआ। इसके बाद सुंदर कांड, गणोश भजन संध्या हुई। गुरुवार को ज्वाला जी का जागरण हुआ।
आज होगा गणोश प्रतिमा का विसर्जन
मुहल्ले में पांच दिवसीय गणोश उत्सव का विश्रम शुक्रवार को होगा। महिलाओं ने बताया कि मुहल्ले में विसर्जन यात्र निकलेगी। फिर रामगंगा पहुंचकर गणोश प्रतिमा का विसर्जन होगा।


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