सावधान आपके भी आसपास हो सकते हैं कोरोना कैरियर्स, रैडंम सैंपलिंग से होंगे चिन्हित
पहले से चिन्हित की जगह अब अचानक लोगों के सैंपल लिए जाएंगे। इससे वह लोग चिन्हित किए जाएंगे जिनको कोरोना तो है लेेकिन उनमें कोराना के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। इसके लिए सभी चिकित्साधिकारियों सैंपलिंग प्रभरियों और एमएमयू प्रभारी को निर्देशित किया गया है।
बरेली, जेएनएन। जिले में संक्रमण ने रफ्तार तब पकड़ी थी जब रैंडम सैंपलिग शुरू हुई थी। रैंडम सैंपलिंग के बाद ही शहर में सैकड़ों लोग एक दिन में पॉजिटिव मिले थे। अब जब संक्रमण की रफ्तार थम गई है और यह लौटकर न आए। इसके लिए रैंडम सैंपलिंग का फार्मूला अपनाया जा रहा है। पहले से चिन्हित की जगह अब अचानक लोगों के सैंपल लिए जाएंगे। इससे वह लोग चिन्हित किए जाएंगे जिनको कोरोना तो है लेेकिन उनमें कोराना के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। इसके लिए सभी चिकित्साधिकारियों, सैंपलिंग प्रभरियों और एमएमयू प्रभारी को निर्देशित किया गया है।
अक्टूबर और नवंबर माह में किसी भी दिन संक्रमितों के मिलने की संख्या सौ तक नहीं पहुंची। इससे भी बड़ी बात यह कि ज्यादातर दिनों में यह संख्या 35 से 40 के बीच रही। नतीजा यह हुआ कि जिले में संक्रमण दर कम हुई और रिकवरी दर 94 फीसद तक पहुंच गई। अब सर्दियां शुरू हो गई हैं। माना जा रहा है कि इस मौसम में ठंड के साथ संक्रमित भी बढ़ सकते हैं। दूसरे देशों और प्रदेशों में ऐसी स्थिति आने पर ही शासन की ओर से सभी जिलों के अधिकारियों को सावधानी बरतने के लिए कहा गया है। संक्रमण लौट कर न आ सके। इसके लिए स्वास्थ्य महकमा व्यापक रूप से तैयारियां कर रहा है। सीएमओ डा. विनीत शुक्ला ने बताया कि अब तक चिन्हित, बीमार और टेस्ट कराने आए लोगों की जांच हो रही थी, लेकिन अब रैंडम सैंपलिंग में तेजी लाई जाएगी। इसके लिए सभी लैब टैक्नीशियन, मेडिकल मोबाइल यूनिट, सीएचसी प्रभारियों को निर्देशित कर दिया गया है।संभावना जताई जा रही है कि कि शहर में कुछ ऐसे लोग भी घूम रहे हो , जिनमें संक्रमण हो, लेकिन उनमें लक्षण न दिख रहे हों। रैंडम सैंपलिंग से ऐेसे लोग सामने आ सकेंगे। बिना लक्षण वाले लोग ही कोराना कैरियर्स का भी काम करते हैं।