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बीडीए ने की 25 साल बाद कुएं की ‘गोदभराई’ Bareilly News

मंदिरों में पुरातन जलस्त्रोतों के रूप में कुएं तालाब की सफाई जीर्णोद्धार के साथ नवगृह वाटिका गोबर प्लांट विकसित होगा। शुरुआत तपेश्वरनाथ मंदिर से की है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 06:00 PM (IST)
बीडीए ने की 25 साल बाद कुएं की ‘गोदभराई’ Bareilly News
बीडीए ने की 25 साल बाद कुएं की ‘गोदभराई’ Bareilly News

बरेली, जेएनएन : कहीं बेतरतीब उगी घास, कहीं कूड़े के ढेर और गंदगी। शहर के प्राचीन नाथ मंदिरों की यह दशा बदलने वाली है। दिन बहुरने वाले हैं। बरेली विकास प्राधिकरण इन्हें केवल देवस्थल ही नहीं, बल्कि धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में नया कलेवर देगा। मंदिरों में पुरातन जलस्त्रोतों के रूप में कुएं, तालाब की सफाई, जीर्णोद्धार के साथ नवगृह वाटिका, गोबर प्लांट विकसित होगा। शुरुआत तपेश्वरनाथ मंदिर से की है। जल्द ही अन्य मंदिरों में कार्य शुरू होगा।

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बीडीए उपाध्यक्ष दिव्या मित्तल ने पिछले माह पर्यटन अधिकारियों के साथ शहर के प्राचीन नाथ मंदिरों का निरीक्षण किया था। इन मंदिरों के कुएं, सरोवर को पुनर्जीवित व सुंदरीकरण के साथ ही परिसर को विकसित करने की योजना तैयार की थी। इसके लिए तपेश्वरनाथ, मढ़ीनाथ, वनखंडीनाथ, धोपेश्वरनाथ और अलखनाथ मंदिर चुने गए।

बनेगी यज्ञशाला, नवग्रह वाटिका

इन नाथ मंदिरों में कराए जाने वाले कार्यो में यज्ञशाला और गोशाला का जीर्णोद्धार, जलस्त्रोत पुनर्जीवित करने, नवगृह वाटिका बनाने का काम प्रमुख है। मंदिरों में जगह के अनुसार गोबर से ठोस लकड़ी तैयार करने का प्लांट भी लगाया जाएगा। रामपुर के ठेकेदार सरताज को मंदिरों में जल स्त्रोतों की सफाई का ठेका दिया है।

ढका जाएगा कुआं और लगेगा पंप

मंदिर के पुजारी पं. विशन शर्मा ने बताया कि बीडीए अफसरों की कुएं को ढंकने और यहां पर सबमर्सिबल पंप लगाने की योजना है। इससे कुएं में कूड़ा, गंदगी नहीं जाएगी। पानी का प्रयोग मंदिर धुलाई आदि में किया जा सकेगा।

करीब 25 लाख होंगे खर्च

पहले चरण में चुने गए पांच मंदिरों के कायाकल्प में लगभग 25 लाख रुपये खर्च आएगा। इनमें जीर्णोद्धार व अन्य कार्य शामिल हैं। बीडीए के मुताबिक धोपेश्वरनाथ मंदिर के पोखर की सफाई के बाद एक वर्ष तक इसका रखरखाव भी प्राधिकरण करेगा।

मंदिर के सूखे कुएं में फूटी जलधारा

सुभाष नगर स्थित तपेश्वरनाथ मंदिर से यह योजना जमीन पर उतरी है। 25 साल से सूखे कुएं की गुरुवार से दिन-रात सफाई चली। तीन दिन में करीब डेढ़ ट्रॉली कूड़ा निकला। तब कूड़ा हटने पर जलधारा फिर फूटी। धीरे-धीरे जलस्तर बढ़ रहा है, जो शनिवार को करीब ढाई फीट तक आ चुका है। 

तपेश्वरनाथ व धोपेश्वरनाथ मंदिर में काम शुरू कराया जा चुका है। इन सभी मंदिरों में सफाई व जीर्णोद्धार कार्य पर लगभग 25 लाख रुपये अनुमानित खर्च आएगा। सफाई का ठेका दिया जा चुका है। अन्य कार्य भी तेजी से कराए जाएंगे। -दिव्या मित्तल, उपाध्यक्ष, बीडीए


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