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बरेली की बेटी ने मोम के गाउन और साबुन की साड़ी से बनाई अलग पहचान Bareilly News

मजबूत इरादा मंजिल तक पहुंचने की राह आसान कर देता है। शहर की राखी गुप्ता ने भी बचपन में जो ठाना उस पर पूरी लगन से काम किया। उसी की बदौलत आज कामयाबी के शिखर तक पहुंच गई।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 09:18 AM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 01:52 PM (IST)
बरेली की बेटी ने मोम के गाउन और साबुन की साड़ी से बनाई अलग पहचान Bareilly News
बरेली की बेटी ने मोम के गाउन और साबुन की साड़ी से बनाई अलग पहचान Bareilly News

 बरेली, अशोक आर्य : मजबूत इरादा मंजिल तक पहुंचने की राह आसान कर देता है। शहर की राखी गुप्ता ने भी बचपन में जो ठाना, उस पर पूरी लगन से काम किया। उसी की बदौलत आज कामयाबी के शिखर तक पहुंच गई। परिवार में सभी डॉक्टर होने के बावजूद उन्होंने फैशन डिजाइनिंग को चुना। गजब के हुनर से आकर्षक परिधान डिजाइन कर देश भर में धूम मचा दी। मोम का गाउन, साबुन की साड़ी बनाकर लोगों को दांतों तले अंगुलियां दबाने पर मजबूर कर दिया। डिजाइनर परिधानों की बदौलत चार साल में छह बार लिमका बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया।

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मूलरूप से श्यामगंज स्थित आंचल कॉलोनी में रहने वाली राखी गुप्ता के पिता स्व. डॉ. सुरेश चंद्र गुप्ता यहां मानसिक अस्पताल में मनोचिकित्सक थे। मां गीता गुप्ता घरेलू महिला है। बड़े भाई विवेक गुप्ता और छोटी बहन ऋचा गुप्ता दोनों डॉक्टर हैं। बावजूद इसके उन्होंने फैशन की दुनिया में पहचान बनाने की ठानी। बिशप कोनराड से इंटरमीडिएट करने के बाद दिल्ली के जेडी इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन डिजाइनिंग में दाखिला लिया। इसके बाद पूरी तरह फैशन के प्रति समर्पित हो गई। उनके डिजाइन किए हुए परिधान पर बॉलीवुड सिंगर शिवानी कश्यप समेत कई मॉडल रैंप पर उतरे। राखी आठ मार्च को बेंगलुरू फैशन वीक में हिस्सा ले रही हैं।

बड़ी उपलब्धियां की हासिल

राखी ने चार साल में अपनी आकर्षक डिजाइन के लिए छह बार लिमका बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया है। उन्होंने मोम, कोयला, फेविकोल, साबुन, सीमेंट से आकर्षक परिधान तैयार किए। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, फिल्म निदेशक मधुर भंडारकर ने उन्हें पुरस्कृत भी किया है।

समाजसेवा व टीबी के प्रति भी कर रहीं जागरुक

राखी गुप्ता फैशन डिजाइनिंग के साथ ही समाजसेवा और टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने का भी काम कर रही हैैं। राखी गुप्ता ने बताया कि बरेली के वृद्धाश्रम से जुड़ी हैं। उनके उत्थान के लिए काम कर रही हैं। टीबी के मरीजों के इलाज, बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम भी कर रही हैं।

वैक्स का गाउन

चार फीट 8 इंच लंबा, 12 फीट 2 इंच व्यास का गाउन करीब 3.2 किलोग्राम पैराफिन मोम का इस्तेमाल कर बनाया।

लिटिल ब्लैक कोल ड्रेस

12 मीटर पतली तार और 5.5 एमएम मोटी तार के साथ कोयले से 2 फीट 9 इंच की पोशाक बनाई। कुल 17.5 मीटर तार में पांच किलो कोयला प्रयोग किया। वजन लगभग छह किलो है।

इथिलीन विनील एसीटेट (फेविकोल) ड्रेस

एक किलोग्राम एथिलीन विनाइल एसीटेट (फेविकोल) का इस्तेमाल किया और कढ़ाई, मोती से डेकोरेट किया। 36 इंच लंबा ड्रेस बनाया। स्कर्ट और टॉप पर ब्लॉक प्रिंटिंग का काम किया।

साबुन से बनी पोशाक

40 इंच लंबी साबुन से बनी साड़ी। एक लीटर तरल साबुन और आधा किलो साबुन बार का उपयोग करके साड़ी का पल्लू नक्काशी करके बनाया।

सीमेंट का आकर्षक परिधान

तीन फीट 2 इंच लंबी सफेद स्कर्ट टॉप पोशाक डिज़ाइन की। इसमें सफेद सीमेंट का इस्तेमाल किया गया।

गोल्ड का लहंगा

प्योर गोल्ड लीफ का इस्तेमाल करके गोल्ड का लहंगा डिजाइन किया। इसके लिए भी लिमका बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में नाम दर्ज हुआ।  


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