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Bareilly News: PFI प्रतिबंध पर बोले बरेली के मुफ्ती, कट्टरवादी संगठनों को प्रतिबंधित करना समय की जरूरत

Bareilly Mufti Mohammad Statement on PFI Ban PFI पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भारत और नेपाल सुन्नी उलमा इत्तेहाद कौंसिल की ओर से इसे जरूरत बताई गई हैं। उनका कहना है कि नफरत फैलाने वाले कट्टरवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाना समय की मांग हैं।

By JagranEdited By: Ravi MishraPublished: Wed, 28 Sep 2022 05:09 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 05:09 PM (IST)
Bareilly News: PFI प्रतिबंध पर बोले बरेली के मुफ्ती, कट्टरवादी संगठनों को प्रतिबंधित करना समय की जरूरत
Bareilly News: PFI प्रतिबंध पर बोले बरेली के मुफ्ती, कट्टरवादी संगठनों को प्रतिबंधित करना समय की जरूरत

बरेली, जागरण संवाददाता। Bareilly Mufti Mohammad Statement on PFI Ban :  PFI पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भारत और नेपाल सुन्नी उलमा इत्तेहाद कौंसिल की ओर से नफरत फैलाने वाले कट्टरवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाने की जरूरत जताई गई।

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नफरत मिटाओ-समाज बचाओ विषय पर आयोजित विशेष वेबिनार में दरगाह आला हजरत के मदरसा मंजर-ए-इस्लाम के वरिष्ठ मुफ्ती मोहम्मद सलीम नूरी ने बताया कि इस समय हमारे समाज को नफरत ने अपनी आगोश में ले रखा है।

समाज से नफरत मिटाने और समाज को जोडने के लिए नफरत व कट्टरवाद फैलाने वाले और किसी भी समुदाय की धार्मिक भावनाओ को ठेस पहुंचाने वाले सभी नफरती संगठनों को प्रतिबंधित करना ही देश हित और मानवता हित में है।

मुफ़्ती ने कहा कि देश और समाज में शांति और सदभाव स्थापित करने के लिए बिना भेदभाव सभी कट्टरवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध उन संगठनों पर लगाना चाहिए जो धर्म के नाम पर स्थापित तो हो गए हैं, परंतु धर्म के सिद्धांतों और शिक्षाओं को नहीं मानते।

मुफ़्ती ने कहा कि इस्लाम अलगाववाद, दुष्कर्म और हिंसक गतिविधियों रहित एक आदर्शवादी समाज की स्थापना की बात प्रसारित करता है।हदीस सभी मुसलमानों को गुनाह से अलग रहने को प्रेरित करती है।एक सच्चे मुसलमान को शैतानी सोच रखने वाले व्यक्तियों एवं कट्टरवादी संगठनों से दूर रहने और उन्हे सुधार के रास्ते पर लाने की सीख देती है।

समाज हित के लिए ऐसे संगठनों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए जो प्यार और दया की बजाय शत्रुता को बढ़ावा देते हों सीधे साधे लोगों तथा नौजवानों को शांतिप्रिय और समृद्ध बनाने की बजाय हिंसा व विरोध प्रदर्शन के लिए उकसाते हों।

सूफी खानकाहों ने यहां शांतिवाद की स्थापना और नफरत मिटाने मे अहम भूमिका निभाई है।हम सब को खानकाही निज़ाम से इस नफरत को मिटाने की के लिए आगे आना होगा तभी हम समाज को जोड पाएंगे। 


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