Bareilly News : मंडी चौकी की करतूत पर इंस्पेक्टर काे मिली सजा, पढिए बरेली मंडल का ये चर्चित मामला
Badaun Farmer Suicide Attempt Case बरेली मंडल के बदायूं में 23 अप्रैल को एक आगजनी की घटना से शुरू हुआ मामला पुलिस कर्मियों की लापरवाही और एकतरफा कार्रवाई का निकला। जिसकी वजह से मामला उस अंजाम पर पहुंच गया
बरेली, जेएनएन। Badaun Farmer Suicide Attempt Case : बरेली मंडल के बदायूं में 23 अप्रैल को एक आगजनी की घटना से शुरू हुआ मामला पुलिस कर्मियों की लापरवाही और एकतरफा कार्रवाई का निकला। जिसकी वजह से मामला उस अंजाम पर पहुंच गया, जिसने बदायूं को कुछ देर के लिए प्रदेश भर में चर्चा में ला दिया। किसान के आत्मदाह की कोशिश के बाद पांच पुलिस कर्मियों पर निलंबन की कार्रवाई भी हो गई और विभागीय जांच भी शुरू हो गई। लेकिन अगर मंडी चौकी के पुलिस कर्मी सही ढंग से इस मामले की जांच करते तो पहले ही दिन मामले को बढ़ने से रोका जा सकता था।
तत्कालीन चौकी इंचार्ज ने पहले दिन से ही इंस्पेक्टर से लेकर उच्चाधिकारियों तक को गुमराह किया। बाद में किसान के बेटों काे चौकी पर लाकर पीटा गया। पुलिस उत्पीड़न और कार्रवाई में सहयोग न मिलने के चलते ही किसान ने आत्मदाह करने का निर्णय ले लिया। इस पूरे मामले में जिले के सबसे जिम्मेदार माने जाने वाले इंस्पेक्टर सिविल लाइंस पर भी निलंबन की कार्रवाई हो गई।
सिपाहियों के कहने पर चलते रहे दोनों चौकी प्रभारी
23 अप्रैल को जब पहली बार कृष्णपाल शिकायत करने थाने पहुंचे तो इंस्पेक्टर ने जांच कराई। जांच तत्कालीन चौकी इंचार्ज अशोक कुमार को दी और उन्होंने सिपाहियों को भेजकर जांच करा ली। इसके बाद जब 25 अप्रैल को मुकदमा दर्ज किया गया तो उस समय भी आगजनी की घटना काे सही न मानते हुए मुकदमे में आगजनी की धारा नहीं लगाई गई। इसकी जानकारी होने के बाद जब कृष्णपाल ने फिर मामले की शिकायत की तो तत्कालीन चौकी इंचार्ज अशोक कुमार ने पीड़ित के बेटों को थाने बुलाया।
बेटों का आरोप है कि चौकी में सिपाहियों से पिटाई लगवाई गई। इसके बाद चौकी इंचार्ज अशोक कुमार के हटने पर नए चौकी इंचार्ज आए तो उन्होंने आइजीआरएस पर की गई शिकायत को गलत बता दिया। 15 मई को उन्होंने रिपोर्ट लगाई कि मामले में मुकदमा दर्ज है, जिसमें वह जांच कर रहे हैं। इसके अलावा जो आरोप लगाए गए हैं वह निराधार है। आवेदक विवेचना अपने पक्ष में कराने के लिए झूठे व निराधार आरोप लगा रहा है। दबंगों को क्लीनचिट मिलने और एकतरफा कार्रवाई से क्षुब्ध होकर किसान ने न्याय की उम्मीद छोड़कर यह कदम उठा लिया।
घर से या रास्ते में पेट्रोल डालकर आया था किसान
किसान कृष्णपाल ने एसएसपी कार्यालय के गेट में अंदर आते ही माचिस जलाकर खुद को अाग लगा ली। एसएसपी कार्यालय के बाहर तैनात होमगार्ड और पीआरडी जवानों के मुताबिक किसान ने वहां पेट्रोल नहीं डाला। आशंका है कि वह घर से या रास्ते में कहीं से पेट्रोल डालकर आया था और उसने अंदर आते ही आग लगा ली।
पहली बार एसएसपी से मिलने पहुंचा था परिवार
कोतवाली पुलिस और चौकी पुलिस से न्याय की आस छोड़ चुका कृष्णपाल का परिवार पहली बार बुधवार को एसएसपी से मिलने पहुंचा था। कृष्णपाल की पत्नी के अनुसार उसने घर पर ही यह बात कही थी कि वह आग लगाकर मर जाएगा। लेकिन उन सभी ने उसे समझाया था कि वह एसएसपी से मिलने जा रहे हैं। उसने यह भी कहा था कि यहां भी न्याय न मिला तो वह आग लगाकर मर जाएगा। इसके चलते वह लोग उसे घर छोड़कर आए थे। लेकिन इसके बाद भी उसने यह कदम उठा लिया।
- कोतवाली पुलिस की ओर से कोई लापरवाही नहीं बरती गई। चौकी इंचार्ज द्वारा जांच कराए जाने के बाद खुद भी मौके पर जाकर जांच की थी। गांव वालों ने बताया था कि किसी ने आग लगाते किसी को नहीं देखा था। बरात में हुई आतिशबाजी की वजह से आग लगने की बात कही गई थी। दोनों पक्षों में कोई पुराना विवाद भी नहीं था। इसीलिए दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया और 107/16 की कार्रवाई भी की गई। - राजकुमार तिवारी, निरीक्षक
- किसान द्वारा आत्मदाह किए जाने के बाद एसएसपी द्वारा मुझे जांच दी गई। गांव जाकर जांच की तो पता चला कि आग अातिशबाजी की वजह से ही लगी थी। हालांकि आरोपों के आधार पर आगजनी का मुकदमा दर्ज किया जा सकता था। सिविल लाइंस इंस्पेक्टर की यही लापरवाही रही। बाकी चौकी पुलिस की लापरवाही सामने आई है। इसके चलते उन पर कार्रवाई की गई है। - प्रवीण सिंह चौहान, एसपी सिटी