बरेली से उठी मुस्लिम को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग, मौलाना बोले- मुस्लिमों के पास दूसरे विकल्प
Samajwadi Party National President News समाजवादी पार्टी के होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले बरेली से ऐसी मांग उठी है जो सपा के लिए संकट बन सकती है। यहां के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने अखिलेश यादव से किसी मुस्लिम को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग की हैं।
बरेली, जागरण संवाददाता। Samajwadi Party National President News : समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के लखनऊ में 28 और 29 सितंबर को होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले जिले से ऐसी मांग उठी है, जो सपा के लिए संकट बन सकती है।
आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी (Shahabuddin Razvi) बरेलवी ने समाजवादी पार्टी के मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष किसी मुस्लिम को बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो मुस्लिमों के अन्य विकल्प भी मौजूद हैं।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने आरोप लगाया कि सपा मुसलमानों के साथ खेल कर रही है। सपा की स्थापना चार अक्टूबर 1992 को हुई, तब से इस पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव बने रहे। इसके बाद उनके बेटे अखिलेश यादव सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर हैं।
इस अधिवेशन में उनको दोबारा समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष बनाने की तैयारी चल रही है। लेकिन कभी किसी मुसलमान को अध्यक्ष पद पर नहीं बिठाया गया।
मौलाना ने कहा कि मुसलमानों का हमदर्द होने का दिखावा करने वाली सपा की सरकार जब भी बनी तो मुसलमानों के वोटों की सहायता से बनी है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में मुसलमान 25 प्रतिशत तक हैं। जबकि सपा मुखिया जिस बिरादरी से आते हैं, वह केवल सात प्रतिशत हैं।
इस हिसाब से मुसलमानों को ज्यादा तरजीह दी जानी चाहिए। लेकिन मुसलमानों के साथ हर बार धोखा किया गया। अगर सपा मुसलमानों की हितैषी है तो किसी मुसलमान को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाएं।
मुसलमानों का भरोसा खो चुके अखिलेश यादव
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मुसलमानों का भरोसा खो चुके हैं। मुसलमानों पर हो रहे जुल्मों को देखकर भी वह चुप रहते हैं। मुस्लिमों के हकों को लेकर कोई आंदोलन नहीं करते। सिर्फ ट्विटर पर राजनीति करते हैं। मौलाना ने कहा कि आजम खान के परिवार को सलाखों के पीछे रखा गया, तब भी अखिलेश यादव चुप्पी साधे रहे।
नाहिद हसन को जेल में डाले जाने के दौरान भी अखिलेश यादव कुछ नहीं बोले और जब विधायक शहजिल इस्लाम का पेट्रोल पंप गिराया गया, तब भी अखिलेश ने आवाज नहीं उठाई।