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वेंटीलेटर पर जिंदगी के लिए जंग लड़ रही नन्ही परी, एसएनसीयू स्टाफ कर रहा सलामती की दुआ

खेत में मिली नन्ही परी जिंदगी के लिए जूझ रही है। मेडिकल स्टाफ को भी इस नन्ही परी से लगाव हो गया है। मासूम को देखकर मेडिकल स्टाफ के लिए भी समझना मुश्किल हो गया है कि कोई कैसे इसको खेत में छोड़कर जा सकता है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 07:52 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 07:52 AM (IST)
वेंटीलेटर पर जिंदगी के लिए जंग लड़ रही नन्ही परी, एसएनसीयू स्टाफ कर रहा सलामती की दुआ
बरेली : वेंटीलेटर पर जिंदगी के लिए जंग लड़ रही नन्ही परी, एसएनसीयू स्टाफ कर रहा सलामती की दुआ

बरेली जेएनएन। खेत में मिली नन्ही परी जिंदगी के लिए जूझ रही है। मेडिकल स्टाफ को भी इस नन्ही परी से लगाव हो गया है। मासूम को देखकर मेडिकल स्टाफ के लिए भी समझना मुश्किल हो गया है कि कोई कैसे इसको खेत में छोड़कर जा सकता है। पहले जिला अस्पताल में वार्म सपोर्ट सिस्टम पर मासूम को रखा गया था, लेकिन देर शाम सांस लेने में तकलीफ के बाद मासूम को रामपुर बाग के निजी अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ा। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि खन्ना ने बताया कि बच्ची की हालत नाजुक हैं। उसे वेंटीलेटर पर रखना पड़ा है। सर्द रात में खेत पर काफी देर तक रहने से बच्ची को निमोनिया हो गया है। रक्त का संक्रमण भी इलाज में व्यवधान पैदा कर रहा है।

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सिरौली के हरदासपुर गांव में सरसों के खेत में नन्हीं परी मिली थी। जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था। डॉ. अहमद अली अंसारी ने बताया कि बच्ची को दौरे पड़ रहे हैं। उसकी सांस रुक जा रही हैं। ऑक्सीजन के लिए जब नली डाली गई तो गंदगी व ब्लड निकला। हालत नाजुक होने पर उसे वार्म सपोर्ट सिस्टम पर ऑक्सीजन पर रखा गया। उसकी देखभाल में सिरौली थाने की एक महिला सिपाही भी डटी रही।

नन्हीं परी की हालत ऐसी कि पूरा एसएनसीयू स्टाफ हर पल उसकी सलामती की दुआ करता नजर आया। बारी-बारी से साथी उसकी निगरानी करते रहे। शाम पांच बजे के करीब अचानक से बच्ची की हालत नाजुक हुई। तुरंत डॉक्टर ने रामपुर गार्डेन स्थित रवि खन्ना के हॉस्पिटल में रेफर किया। वहां डॉक्टरों ने तुरंत बच्ची को वेटीलेंटर पर रखा। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची को निमोनिया है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

देर से रोई बच्ची

बच्ची में संक्रमण की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों का मानना है कि बच्ची काफी देर तक खेत में पड़ी रही। वह देर में रोई। लिहाजा, इतनी सर्दी में उसमें संक्रमण बढ़ गया। फिलहाल, डॉक्टर बच्ची की जान बचाने के प्रयास में जुटे हुए हैं।

कीजिए दुआ! अब मुस्कुराए

नन्हीं परी को इलाज के साथ-साथ इस वक्त आपकी दुआओं की भी दरकार हैं। दवा को जब दुआ का साथ मिलता है तो असर सौ गुना बढ़ जाता है। लिहाजा, नन्हीं परी हम सबके बीच मुस्कुराए, इसके लिए दुआ कीजिए।


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