बरेली: पथरी के ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने निकाल ली किडनी, कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज
सखावत हुसैन के अनुसार उनके पेट में अक्सर दर्द होता था। इसकी जानकारी उन्होंने रिश्तेदार नूर अहमद को दी। नूर अहमद ने जनकपुरी के सुशील अस्पताल के डा. पवन से अच्छी पहचान होने की बात कहकर उनके पास भेज दिया।
बरेली, जागरण संवाददाता। लगभग 10 साल पहले पथरी का ऑपरेशन करने के दौरान डॉक्टर ने मरीज की किडनी भी निकाल ली। सैदपुर हाकिंस निवासी सखावत हुसैन ने जनकपुरी स्थित सुशील अस्पताल के डॉक्टर पर आरोप लगाया है। कोर्ट की शरण लेने पर पुलिस ने उनके बताए एक डॉक्टर समेत चार पर प्राथमिकी पंजीकृत कर ली है। वहीं, अस्पताल संचालक का कहना है कि इस नाम का कोई डॉक्टर उनके अस्पताल में कभी रहा ही नहीं है।
सखावत हुसैन के अनुसार उनके पेट में अक्सर दर्द होता था। इसकी जानकारी उन्होंने रिश्तेदार नूर अहमद को दी। नूर अहमद ने जनकपुरी के सुशील अस्पताल के डा. पवन से अच्छी पहचान होने की बात कहकर उनके पास भेज दिया। डा. पवन ने उनके पेट का अल्ट्रासाउंड कराया तो उनकी किडनी में पथरी होना बताया था। डॉक्टर ने कहा कि ऑपरेशन के बाद ठीक हो जाएगी।
फिर जनवरी 2013 में ऑपरेशन कर दिया। सखावत का आरोप है कि ऑपरेशन के लिए डा. पवन ने बाहर से भी दो डॉक्टरों को बुलाया। ऑपरेशन के बाद 15 दिनों तक अस्पताल में ही भर्ती रखा। आरोप है कि कुछ दिन बाद आरोपित के पेट में दोबारा दर्द हुआ। इस पर उन्होंने दो अलग-अलग सेंटरों पर अल्ट्रासाउंड कराया, जिनमें पेट में एक किडनी नहीं होने की बात पता चली।
आरोप है कि इसके बाद जब वह अल्ट्रासाउंड लेकर डा. पवन के पास गए तो उन्होंने मुलाकात ही नहीं की। पुलिस के पास गए, लेकिन सुनी नहीं गई। तब उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामले में कोर्ट के आदेश पर डा. पवन समेत तीन डॉक्टरों व एक अन्य के विरुद्ध थाना इज्जतनगर में प्राथमिकी पंजीकृत की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
हमारे अस्पताल में डा. पवन नाम का कोई व्यक्ति नहीं है, न ही कभी पहले थे। यह प्राथमिकी झूठी पंजीकृत कराई गई है। (डा. सुशील, संचालक सुशील अस्पताल)
कोर्ट के आदेश पर प्राथमिकी लिखी गई है। विवेचना की जा रही है। विवेचना में जो भी तथ्य निकलकर आएंगे। उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। (अरुण श्रीवास्तव, इंस्पेक्टर इज्जतनगर)