Covid-19 से होने वाली मौतों के लिए बरेली डीएम ने शासन को समझाया ये गणित
जिले में कोविड मरीजों की मौत ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को चिंता में डाल दिया। बरेली स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में कोविड से होने वाली मौतों के आंकड़े बढ़ते जाते हैं।
बरेली, जेएनएन। जिले में कोविड मरीजों की मौत ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को चिंता में डाल दिया। मंडल होने की वजह से बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, पूरनपुर, बीसलपुर, रामपुर के मरीज भी यहां इलाज के लिए आते हैं। इलाज के दौरान कोविड-19 संक्रमित मिलने और मौत होने पर बरेली स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में कोविड से होने वाली मौतों के आंकड़े बढ़ते जाते हैं। हाल में आंकड़ा 125 तक पहुंचने के बाद डीएम नितीश कुमार ने शासन में पैरवी की। उनका कहना था कि मूल निवास के जिले में संक्रमित की मौत के आंकड़े जुड़ने चाहिए। सही रिकार्ड के लिए ऐसा करना जरूरी है।
शासन से मंजूरी आने के बाद अब अधिकृत रूप से 125 में नौ संक्रमितों की मौतों की जानकारी उनके संबंधित जिलों को भेजी गई है। रविवार को डीएम नितीश कुमार ने कोविड कंट्रोल रूम में समीक्षा में जिले में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की दर 68.8 प्रतिशत होने पर संतोष जाहिर किया। अभियान में जिले के 1.23 लाख घरों का सर्विलॉंस, 82 हजार का सैंपल टेस्ट, 49 हजार का कांटेक्ट ट्रेसिंग होने के बाद 370 कोरोना के मरीजों का अस्पतालों में, जबकि 3164 लोग होम आइसोलेशन में हैं। अब तक 1976 लोग होम आइसोलेशन में ठीक हो चुके हैं।
डीएम का कहना है कि संक्रिय केस में तेजी से गिरावट आ रही है। 20 अगस्त को सक्रिय केस 1748 थे, जबकि 21 अगस्त तक ये घटकर 1615 रह गए।कलेक्ट्रट का इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर होम आइसोलेशन वाले हर मरीज को पल्स ऑक्सीमीटर खरीदने के लिए एक लिंक भेजता है। ताकि वे अपने करीबी मेडिकल स्टोर से इसे प्राप्त कर लें। कोविड-19 एप डाउनलोड करने के लिए भी लिंक भेजा जाता है। हर मरीज से ऑक्सीमीटर और एप का डाटा लेने के बाद जिन मरीजों से सही डाटा नहीं मिलता है, उन्हें एम्बुलेंस भेज कर अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। अब तक 200 से अधिक मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया जा चुका है।
शासन में कोविड के दूसरे जिलों के मृतकों की सूची भेजी थी। ताकि उन्हें उनके जिलों के कोविड मरीजों में शामिल करवाया जा सके। शासन से स्वीकृति आई है। ठीक होने वाले मरीजों की दर पहले से बेहतर हुई है। - नितीश कुमार, डीएम बरेली