बरेली बार एसोसिएशन ने आठ बैंक अधिकारियों के खिलाफ दी एफआइआर की अर्जी, जानिए क्या है वजह
बैंकों ने बार एसोसिएशन के लाखों रुपए हड़प लिए हैं। निकासी पर बिना किसी रोक के बैंक रकम का भुगतान नहीं कर रहे हैं। इससे कोरोना वायरस प्रभावित अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता नहीं मिल पा रही। बार कार्यकारिणी ने 24 लाख रुपए आर्थिक मदद देने का प्रस्ताव पारित किया था।
बरेली, जेएनएन। बार एसोसिएशन द्वारा अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता बांटने के मामले में नया मोड़ आ गया है। अध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने बड़ौदा उप्र ग्रामीण बैंक व पंजाब नेशनल बैंक के आठ अधिकारियों पर अमानत में खयानत का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग आइजी से की है।
अर्जी के मुताबिक बैंकों ने बार एसोसिएशन के लाखों रुपए हड़प लिए हैं। निकासी पर बिना किसी रोक के बैंक रकम का भुगतान नहीं कर रहे हैं। इससे कोरोना वायरस से प्रभावित अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता नहीं मिल पा रही। घनश्याम शर्मा ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि अगस्त में बार कार्यकारिणी ने अधिवक्ताओं को 24 लाख रुपए आर्थिक मदद देने का प्रस्ताव पारित किया था।
15 लाख रुपए से अधिक की रकम उत्तर प्रदेश बार काउंसिल से मिली व दो लाख रुपये का चेक पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन ने बार को सौंपा था। बायलॉज के मुताबिक खातों का संचालन अध्यक्ष के साथ कोषाध्यक्ष व सचिव में से किसी एक के संयुक्त हस्ताक्षर से होता है। निवर्तमान सचिव अमर भारती के देहांत के बाद ललित कुमार सिंह को सचिव बनाया गया है।
600 अधिवक्ताओं को चार-चार हजार दिया जाना था, लेकिन बैंक अधिकारियों ने अनाधिकृत आपत्तियों की कूटरचना कराकर खाते में जमा 24 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया। बार अध्यक्ष ने केसर भवन स्थित बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक व गन्ना दफ्तर स्थित पंजाब नेशनल बैंक के शाखा प्रबंधक, क्षेत्रीय प्रबंधक, चेयरमैन व जनरल मैनेजरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
एसएसपी को मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। - राजेश पांडेय, आइजी