Bareilly Admission Fight News : एडमीशन के लिए बरेली कालेज, अवंतीबाई और साहूराम स्वरूप महाविद्यालय के बीच हाेगी असल लड़ाई
Bareilly Admission Fight News यूपी बोर्ड के शतप्रतिशत नतीजों के साथ ग्रेजुएशन और प्रोफेशनल कोर्सेस की प्रवेश प्रक्रिया की जद्दोजहद जोर पकड़ने वाली है। बारहवीं के 44677 विद्यार्थियों के लिए बतौर विकल्प सरकारी ऐडेड और निजी कॉलेजों में सीटों की भरमार है।
बरेली, जेएनएन। Bareilly Admission Fight News : यूपी बोर्ड के शतप्रतिशत नतीजों के साथ ग्रेजुएशन और प्रोफेशनल कोर्सेस की प्रवेश प्रक्रिया की जद्दोजहद जोर पकड़ने वाली है। बारहवीं के 44677 विद्यार्थियों के लिए बतौर विकल्प सरकारी, ऐडेड और निजी कॉलेजों में सीटों की भरमार है, लेकिन असल लड़ाई बरेली कालेज, रानी अवंती बाई लोधी राजकीय महिला महाविद्यालय और साहूरामगोपीनाथ कन्या महाविद्यालय में होगी। किफायती फीस पर पढ़ाई करने की चाहत में बरेली समेत पूरे मंडल के विद्यार्थियों की पहली पसंद यही कॉलेज रहे हैं।
एक्सपर्ट की माने तो बारहवीं में उत्तीर्ण होने वाले करीब 30 फीसद विद्यार्थी बरेली के बाहर के विश्वविद्यालय और कालेज में एडमिशन लेते हैं। उन्हें देहरादून, दिल्ली और लखनऊ के कालेज पंसद आते हैं। ऐसे में करीब 13400 विद्यार्थी बरेली के कॉलेजों में एडमिशन की दौड़ में शामिल ही नहीं होंगे। ऐसे में 31277 विद्यार्थियों के एडमिशन के लिए तकरीबन 32500 सीटें मौजूद है। इसमें सरकारी और गैर सरकारी कालेज शामिल हैं। बरेली में ग्रेजुएशन एडमिशन में असली लड़ाई राजकीय कॉलेजों में एडमिशन की होती है। सीधे शब्दों में 32 हजार सीट नहीं, बल्कि बरेली कालेज की 5399 हजार सीट के लिए बच्चों को फाइट करनी होगी।
इंटरमीडिएट के कुल परीक्षार्थी - 44677
रेगुलर छात्र -24471
रेगुलर छात्रा -16972
प्राइवेट छात्र -2383
प्राइवेट छात्रा -851
बरेली कालेज में 5399 सीटें ग्रेजुएशन और प्रोफेशन के हैं। जबकि संबद्ध कालेजों में 12000 सीटें ग्रेजुएशन के लिए मौजूद है। 16 प्रोफेशनल निजी कालेजों में करीब 15 हजार सीटें मौजूद हैं।
प्रवेश नियंत्रक बोले-हर साल खाली रह जाती हैं सीटें
महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के प्रवेश नियंत्रक डा. सुरेश कुमार पांडेय ने बताया कि सभी बोर्डों का इस बार परीक्षा परिणाम लगभग शत-प्रतशित आ रहा है। ऐसे में छात्रों के मन में कहीं न कहीं प्रवेश को लेकर शंका जरूर होगी। जिसे उन्होंने दूर करते हुए बताया कि सीटें पर्याप्त हैं। पिछले कई वर्षों से परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत के आस-पास आ रहा है। बावजूद इसके कई कालेजों में स्नातक की सीटें खाली रह जाती हैं। बताया कि यह जरूर हो सकता है कि इस बार छात्र को उसके मनपसंद का महाविद्यालय मिलने में कुछ दिक्कत हो।