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बरेली में मुस्लिमो ने उठाई पिछड़ों के आरक्षण में से पांच प्रतिशत की मांग

बरेली में मुस्लिमों की ओर से अपने राजनीतिक दलों से मांग उठाई है कि आर्थिक रूप से पिछड़े मुस्लिमों को सरकारी नौकरियों और सभी शैक्षिक संस्थानों में पिछड़ों के 27 प्रतिशत कोटे में से पांच फीसद हिस्सा मिले।

By Ravi MishraEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 04:58 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 04:58 PM (IST)
बरेली में मुस्लिमो ने उठाई पिछड़ों के आरक्षण में से पांच प्रतिशत की मांग
मुस्लिमों के लिए आरक्षण की मांग करते लोग। जागरण आर्काइव

 बरेली : विधानसभा चुनाव में मुस्लिमों की ओर से अपने राजनीतिक दलों से मांग उठाई है कि आर्थिक रूप से पिछड़े मुस्लिमों को सरकारी नौकरियों और सभी शैक्षिक संस्थानों में पिछड़ों के 27 प्रतिशत कोटे में से पांच फीसद हिस्सा मिले। पैगम्बर साहब के सम्मान में गुस्ताखी करने वालों के लिए सजा को कानून बने।

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तंजीम उलमा ए इस्लाम की ओर से तैयार किया गया मुस्लिम एजेंडा,16 बिंदुओं पर तैयार किया गया है। एजेंडा सभी पार्टियों के अध्यक्ष को भेजा है। तंजीम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन बोले, आज़ादी के वक्त 50 फीसद मुसलमान थे नौकरियों में, आज मात्र दो प्रतिशत रह गए हैं। उन्होंने कहा, राजनीतिक दल अपने घोषणा - पत्रों में मुस्लिम एवं अल्पसंख्यक वर्ग के लिये लोक लुभावने एवं झूठे वादों के द्वारा सत्ता पाते हैं । चुनाव के बाद इस वर्ग को पूर्णतयाः भूल जाते हैं। जिस जाति विशेष का मुखिया होता है उसी वर्ग को सरकार का पूर्णतया संरक्षण प्राप्त होता है। उस वर्ग को विशेष लाभ मिल जाने के कारण अल्पसंख्यक समाज व पिछड़ा रह जाता है । यह अल्पसंख्यक घोषणा माँग पत्र से आप और आपके दल से हम आशा करते हैं कि भारत एवं राज्यों में निवास करने वाले 25 प्रतिशत आबादी अल्पसंख्यक समाज के पिछड़ेपन के कारण भारत पूर्ण विकसित नहीं हो पायेगा , इस पर आप विचार उपरान्त अपने चुनावी घोषणा - पत्रों में उक्त माँगे सम्मिलित कर उत्तर प्रदेश व अन्य प्रदेशों की आगामी सरकार में प्रदेशों के अल्पसंख्यक वर्ग में बड़े वर्ग मुस्लिम समाज के विकास के लिये कार्य करेंगे । आपकी पार्टी के जरिए अगर ऐसा कुछ होता है और हमारी माँगों को तसलीम करते है तो फिर मुस्लिम समाज आपको वोट और सपोर्ट करने के लिए तैयार हो सकता है ।

इन बिंदुओं पर घोषणा पत्र

1. पैगम्बर ए इस्लाम की शान में गुस्ताखी करने वालों के खिलाफ विधानसभा में कानून लाया जाए ।

2. संविधान में दिये अल्पसंख्यको के अधिकारों को नजर अन्दाज़ ना किया जाए ।

3. झारखण्ड की तरह मॉबलिंचिंग पर विधानसभा में कानून लाया जाए ।

4. शिक्षा के क्षेत्र में मुस्लिम सामाजिक संगठनों द्वारा स्थापित स्कूल , मदरसे , कॉलेज , तकनीकी संस्थानों , विश्वविद्यालयों को सरकारी सुविधा प्रदान करने के साथ अनुदानित करें और मान्यता को सरल बनाया जाये ।

5. आर्थिक रूप से पिछड़े मुस्लिम वर्ग को अर्धसरकारी एवं सरकारी संस्थाओं में 27 प्रतिशत कोटे में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाये ।

6. अल्पसंख्यक वर्ग उत्थान हेतु केन्द्र एवं राज्यों सरकारों की संचालित कुछ योजनाओं में सरलीकरण ना होना एवं प्रशासनिक अनदेखी के कारण लाभ प्राप्त नहीं कर पा रहे है लाभ हेतु सरल सुगम के लिये कठोर नियम बनाया जाये ।

7. पूर्व में टेरर फण्डिंग के नाम पर उलमा / दानिश्वर , आतंकवाद के नाम पर नौजवानों पर हुये अत्याचार और गिरफ्तारी के बाद अदालतों ने निर्दोष मानते हुए बरी किया है , भविष्य में ऐसी अफवाओं , झूठी शिकायतों पर गिरफ्तारी से पहले जाँच हेतु स्वतंत्र संस्था स्थापित की जाये ।

8. कट्टरपंथी विचारधारा संगठनों के द्वारा गरीब बेसहारा लड़कियों महिलाओं को लालच और भय से धर्म परिवर्तन कराने वालों के विरूद्ध कानून लाया जाये ।

9. उत्तर प्रदेश के मदरसों में कार्यरत आधुनिक शिक्षकों के वेतन का बजट माध्यमिक शिक्षा परिषद की तर्ज पर किया जाये ।

10. धर्म के नाम पर नगरों में स्थापित आवासीय , सोसायटी , कॉलोनी में खरीद फरोख्त पर रोक लगाने वाले बिल्डरों पर कानून लाया जाये एवं धर्म के नाम पर पलायन कराने के खिलाफ भी कानून लाया जाये ।

11. प्राईवेट डॉक्टरों द्वारा कोविड- 19 महामारी के बाद परामर्श फीस में वृद्धि को देखते हुये परामर्श फीस आर्हता डिग्री के आधार पर फीस निर्धारण हेतु सरकारी नियम बनाया जाये ।

12. मुस्लिम समाज के लघु एवं कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन हेतु प्रत्येक जिलों में अलग - अलग समूहों को सरकारी सुविधा प्रदान की जाये ।

13. वक्फ सम्पत्तियों की आय से मुस्लिम समाज की लड़कियों के स्कूल खोलने के साथ ही वक्फ सम्पत्तियों की हिफाजत के लिये सख्त कानून लाया जाये ।

14. हिन्दू- मुस्लिम समाज में एकता व अखण्डता सौहार्द के विकास के लिय ग्राम स्तर से प्रदेश स्तर तक कार्यक्रम बने ।

15. काशी और मथुरा मुद्दे पर कानून का पालन हो।

16. उत्तर प्रदेश में एक दंगा आयोग बनाया जाये , जिसकी मांग लंबे समय से चल रही है।


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