बार संघ ने दी पुलिस प्रशासन को चेतावनी, आरोपित पुलिस कर्मियों को बचाने की कोशिश की तो भयंकर होंगे परिणाम
बहेड़ी थाने में रिपोर्ट लिखाने गई नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के साथ मारपीट और अधिवक्ता से हाथापाई किए जाने के मामले में बार संघ अब पुलिस प्रशासन के मुखर हो गया है। बार संघ के अध्यक्ष रन सिंह ने सीधे तौर पर पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी है
बरेली, जेएनएन। बहेड़ी थाने में रिपोर्ट लिखाने गई नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के साथ मारपीट और अधिवक्ता से हाथापाई किए जाने के मामले में बार संघ अब पुलिस प्रशासन के मुखर हो गया है। बार संघ के अध्यक्ष रन सिंह ने सीधे तौर पर पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर दोषी पुलिस कर्मियों को बचाने की कोशिश की तो परिणाम गंभीर होंगे। इसके पूर्व अधिवक्ताओं ने न्याय कार्य से विरत रहते हुए जुलूस निकाल कर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की। गौरतलब है कि मामले में थाने में रिपोर्ट लिखाने गई नबालिग दुष्कर्म पीड़िता के बयान न बदलने पर पुलिस कर्मियों ने उसकी पिटाई कर दी थी। जब पिटाई कर रहे पुलिस कर्मियों का अधिवक्ता ने वीडियो बनाने की कोशिश की तो उनके साथ भी हाथापाई की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि पुलिस कर्मियों ने उनके मोबाइल के वीडियो डिलीट करा दिया था। इस मामले में अधिवक्ता संघ पुलिस प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है।
डीजीपी तक पहुंच चुका है मामला
थाने में नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के साथ पिटाई का मामला डीजीपी के पास भी पहुंच चुका है। इस मामले में यूपी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जानकी प्रसाद पांडेय ने खुद डीजीपी को पत्र लिख कड़ी नाराजगी जताई थी। इसके अलावा उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई न होने पर हैरानी भी जताई थी। पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही थी।
बयान न बदलने पर थाने में हुई थी पिटाई
बहेड़ी थाने में नाबालिग दुष्कर्म पीडिता नौ अक्टूबर को रिपोर्ट लिखाने गई थी। अपनी मां के साथ रिपोर्ट लिखाने गई पीड़िता के बयान न बदलने पर पुलिस कर्मियों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी थी। जिसे देख अधिवक्ता ने मोबाइल से वीडियों बनाने की कोशिश की थी । जिस पर पुलिस कर्मियों ने उनका मोबाइल छीन लिया था। इसके साथ ही उनके साथ हाथापाई भी की थी।
सीओ ने समझा बुझा कर कराया था शांत
अधिवक्ता साथी के साथ हाथापाई होने की जानकारी मिलने पर कई अधिवक्ता थाने पहुंचे थे। जहां उन्होंने हंगामा किया था। अधिवक्ताओं के तेवर देख पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा था। वही मामले की जानकारी पाकर पहुंचे सीओ ने अधिवक्ताओं को समझा बुझाकर मामले को शांत करा दिया था। जिसके बाद आक्रोशित अधिवक्ताआें ने दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की थी।