शासन कहे या नोडल अधिकारी.. बैंकों की मनमानी जारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना जहां लोगों को स्वरोजगार के जरिए आत्मनिर्भर बनाने का है। वहीं जिले के अधिकांश बैंक प्रगतिशील भारत की राह में बाधा बन रहे हैं।
बरेली, जेएनएन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना जहां लोगों को स्वरोजगार के जरिए आत्मनिर्भर बनाने का है। वहीं, जिले के अधिकांश बैंक प्रगतिशील भारत की राह में बाधा बन रहे हैं। लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) से जुड़े आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। जिले के कई बैंकों ने पिछले तीन महीने से 740 एमएसएमई इकाई लगाने की फाइलें अटका रखी हैं। जबकि मानक अनुरूप होने पर इन्हें 72 घंटे में ही स्वीकृति मिलने का शासनादेश है। बेपरवाही यहीं नहीं रुकती। उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के अपर मुख्य सचिव व जिले के वरिष्ठ नोडल अधिकारी नवनीत सहगल ने बैकों को मामले निस्तारण के लिए 20 दिन का अल्टीमेटम दिया लेकिन बुधवार तक हालात जस के तस रहे।
बैंकों ने सहयोग का दिया था भरोसा
लॉकडाउन के दौरान ही नए उद्यमियों ने जिला उद्योग केंद्र में आवेदन किए थे। उनकी फाइलें प्रक्रिया से गुजरने के बाद जिले के विभिन्न बैंकों तक पहुंचीं, लेकिन आगे नहीं बढ़ सकी। इसका पता चलने पर वरिष्ठ नोडल अधिकारी नवनीत सहगल ने नाराजगी जताई थी। जिस पर पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने नवनीत सहगल को पूरे सहयोग के लिए आश्वस्त किया था। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। --------------
किस-किस योजना के तहत फाइलें
- 196 फाइलें मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार (एमवाईएसवाई) की (26.48 फीसद)
- 352 फाइलें हैं एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) से संबंधित (47.56 फीसद)
- 192 प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) की फाइल (25.94 फीसद) --------------
पाईचार्ट के लिए.. बैंकवार अटकी फाइलों के आंकड़े बैंक ओडीओपी एमवाईएसवाई पीएमईजीपी
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बीओबी 50 40 54
पीएनबी 26 21 20
एसबीआइ 50 60 44
केनरा बैंक 05 05 03
यूनियन बैंक 08 08 09
अन्य बैंक 213 62 62
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कुल 352 196 192
----------------------------------- वर्जन बैंकों को निर्देश जारी किए गए थे। इसकी समीक्षा शासन स्तर से चल रही है। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैंकों को औपचारिकता पूरी करने में तेजी लानी होगी।
-नितीश कुमार, डीएम बरेली हमारा पूरा स्टाफ बैंकों के साथ समन्वय बनाने में जुटा हुआ है। लेकिन बैंकों से सपोर्ट कम मिला है। शासन और नोडल अधिकारी के निर्देशों के बावजूद फाइलें अटकी हैं। - ऋषिरंजन गोयल, ज्वाइंट कमिश्नर