बदायूं के दामन पर 'बालिका वधु' के सबसे ज्यादा दाग
चाइल्ड लाइन की वार्षिक रिपोर्ट में अकेले बदायूं में एक वर्ष में बाल विवाह के नौ मामले सामने आए हैं।
बदायूं [अभिषेक सक्सेना]। दुष्कर्म, गोवंश की तस्करी और वाहन चोरी...। इन सारे अपराधों के लिए बदायूं पहले ही कुख्यात था लेकिन, उसके मत्थे वर्षों पुरानी सामाजिक बुराई का कलंक मिटने के बजाए, लगातार गहरा रहा है। बाल विवाह...। जी हां, बेटियों के लिए नर्क समान यह परंपरा यहां अब भी जारी है। जानकर हैरान रह जाएंगे कि रुहेलखंड में बदायूं नाबालिगों के विवाह और शादी के नाम पर बेटियों को तस्करी कर लाने का अड्डा बनता जा रहा है। कलंक की पुष्टि हुई है चाइल्ड लाइन की वार्षिक रिपोर्ट में। अकेले बदायूं में एक वर्ष में बाल विवाह के नौ मामले सामने आए, जबकि बरेली में तीन और पीलीभीत में महज एक बाल विवाह हुआ।
बाल विवाह पर केवल सरकार से ही नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट तक से रोक है। प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने कई बार मुहिम छेड़ीं। यहां तक कि मातृ-शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए बाल विवाह पर रोक जरूरी होने की भी बात आमजन तक पहुंचाने की कोशिशें भी हुईं। फिर भी मंडल में सबसे अधिक नौ मामलों ने प्रशासन की व्यवस्था और प्रयासों पर सवालिया निशान लगा दिया।
गंगा कटरी के गांव में कुरीति ने पसारे पैर
चाइल्ड लाइन बाल अधिकारों के लिए काम करती है। जिले में अप्रैल 2017 से इस साल मार्च तक जो नौ मामले पकड़े, जिनमें आठ विवाह तो पुलिस की मदद से रुकवाए गए। एक विवाह हो चुका था, जिसमें मुकदमा चल रहा है। खास बात यह सभी मामले गंगा कटरी क्षेत्र के कादरचौक, उसहैत, हजरतपुर और उसावां थाना क्षेत्रों के हैं।
बरेली में तीन, पीलीभीत में एक
समान अवधि में बरेली में तीन और पीलीभीत में एक बाल विवाह का मामला पता चला था। शाहजहांपुर में फिलहाल संस्था की हेल्पलाइन टीम नहीं है।
असोम से लाई किशोरी पकड़ी थी
इसी साल 16 अक्टूबर को आरपीएफ बदायूं ने एक किशोरी को रेलवे स्टेशन से बरामद किया था। 17 साल की किशोरी गर्भवती निकली थी। उसे असोम से शादी का झांसा देकर दिल्ली लाकर 20 हजार रुपये में बेचा गया था। वहां से उसहैत इलाके के गांव नगरिया दुगानी निवासी रामरहीस उसे खरीदकर अपने साथ लाया था। मामला उजागर होने पर रामरहीस के खिलाफ तो मुकदमा चल रहा है।
शासन तक भेजी गई रिपोर्ट
चाइल्ड हेल्पलाइन के जिला समन्वयक मुहम्मद इमरान ने बताया कि हमने आठ बाल विवाह रुकवाए हैं। शासन तक इसकी रिपोर्ट भेजी गई है। मंडल में आंकड़े सबसे अधिक हैं, लेकिन ऐसा नहीं कि टीम काम नहीं कर रही। सक्रियता से ही यह विवाह रुकवाए। भविष्य में भी यह जारी रहेगा।