Health Department : जागे स्वास्थ्य विभाग ने निरस्त किए दर्जन भर लैबों के पंजीयन Bareilly News
यहां तक कि बाहरी जिलों के डॉक्टरों के नाम कई लैब पंजीकृत कर दी। हर वर्ष नवीनीकरण के नाम पर घपला होता गया। पर्दाफाश करने के बाद भी अधिकारी कार्रवाई को लेकर गंभीर नहीं हैं।
जेएनएन, बरेली : जिले में चल रही पैथोलॉजी लैब के रजिस्ट्रेशन में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मानकों की खूब अनदेखी की गई है और कई पैथोलॉजी लैब का पंजीकरण कर दिया गया। यहां तक कि बाहरी जिलों के डॉक्टरों के नाम कई लैब पंजीकृत कर दी। हर वर्ष नवीनीकरण के नाम पर घपला होता गया। जागरण ने पर्दाफाश करने के बाद भी अधिकारी कार्रवाई को लेकर गंभीर नहीं हैं।
हाई कोर्ट के आदेश पर वर्ष 2004 से जिले में संचालित होने वाली पैथोलॉजी लैब के सीएमओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की गई। किसी भी पैथोलॉजी के रजिस्ट्रेशन के लिए कुछ जरूरी मानकों को पूरा किया जाना है। इन मानकों के आधार पर ही लैब पंजीकृत की प्रक्रिया शुरू की। एक पैथोलॉजिस्ट के नाम पर कई लैब पंजीकृत कर दी गई।
अन्य जिलों में रहने वाले डॉक्टरों के नाम से भी यहां कई पैथोलॉजी लैब पंजीकृत कर दी गई। छह महीने पहले तक जहां 18 डॉक्टरों के नाम पर 72 लैब पंजीकृत की गई थी। उसके बाद पंजीकृत लैब की संख्या बढ़कर 120 हो गई। मामला उजागर होने पर बीते दिनों 12 लैब के पंजीयन निरस्त किए। बावजूद इसके अब तक कानपुर के डॉ. बलविंदर सिंह सोंढी के नाम पर चल रही छह पैथोलॉजी लैब के रजिस्ट्रेशन निरस्त नहीं किए गए हैं।
रजिस्ट्रेशन को ये मानक जरूरी : किसी भी पैथोलॉजी लैब का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए फायर और प्रदूषण का अनापत्ति प्रमाण पत्र होना जरूरी है। इसके साथ ही बॉयो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए संबंधित कंपनी के साथ अनुबंध का प्रमाण चाहिए। डॉक्टर की डिग्री, रजिस्ट्रेशन और उनका सभी लैब में नियमित बैठकर काम करने का शपथ पत्र भी जरूरी होता है। जिले में संचालित तमाम लैब में इन मानकों की अनदेखी की जा रही है।
जिले में संचालित पैथोलॉजी लैब की जांच के लिए एसीएमओ को निर्देशित किया गया है। जहां भी मानकों की अनदेखी पाई जाएगी तो उस लैब का पंजीकरण निरस्त किया जाएगा। -डॉ. विनीत शुक्ला, सीएमओ