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129 एकड़ जमीन पर आवास बना विकास की कवायद

आवास-विकास की बड़ा बाईपास के करीब अटकी योजना पर एक बार फिर से मंथन शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Jul 2018 09:03 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 02:19 AM (IST)
129 एकड़ जमीन पर आवास बना विकास की कवायद
129 एकड़ जमीन पर आवास बना विकास की कवायद

जागरण संवाददाता, बरेली : आवास-विकास की बड़ा बाईपास के करीब साल भर से ज्यादा समय से अटकी योजना पर एक बार फिर से मंथन शुरू हो गया है। गुरुवार को लखनऊ से आवास-विकास उच्चाधिकारी व स्थानीय अधिकारी केंद्रीय राज्यमंत्री संतोष गंगवार के ट्यूलिया गांव पहुंचे। दोपहर तक यहां नए स्तर पर जमीन के अधिग्रहण का फौरी तौर पर खाका खींचा। एक अनुमान के मुताबिक अधिकारी ट्यूलिया गांव के किसानों की जमीन अधिग्रहीत कर करीब 129 एकड़ में रिहायशी कॉलोनी बनाना चाह रहे हैं। हालांकि, जमीन देखने के बाद हुई बैठक में आवास विकास के सीएपी एके शुक्ला ने 150 एकड़ जमीन में आवासीय योजना बनाने पर भी अधिकारियों के साथ चर्चा की। इस दौरान अधीक्षण अधिकारी पंचम वृत्त मो.खालिद, आर्कीटेक्ट प्लानर गोपाल गर्ग, एक्सईएन नेहा सिंह व अन्य अधिकारी मौजूद थे। डिमांड के हिसाब से ही होंगे आवास तैयार

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बातचीत में चीफ आर्किटेक्ट प्लानर एके शुक्ला ने बताया कि हम अभी किसी तरह की योजना साफतौर पर नहीं रख रहे। हां, किसान जमीन बेचने को तैयार है। आवास विकास फिलहाल 1386 एकड़ जमीन पर सोसाइटी डेवलप नहीं कर सकता है। ऐसे में करीब 129 एकड़ जमीन लेकर सोसाइटी डेवलप करने का विचार है। जमीन कुछ कम या ज्यादा भी हो सकती है। सोसाइटी का स्वरूप क्या होगा, इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। यह डिमांड के हिसाब से ही तय होगा। एसटीपी समेत कई व्यवस्था हैं जरूरी

अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि किसी योजना को डेवलप करने में खरीदी जमीन के 40 फीसद से भी कम हिस्से में निर्माण होता है। अन्य जमीन ना‌र्म्स के हिसाब से खाली छोड़ी जाती है। इसके अलावा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाना जरूरी होता है। जिससे दूषित पानी के डिस्पोजल की समस्या न रहे। ग्रीन बेल्ट, हाइवे संबंधी मानक भी देखने जरूरी होते हैं।


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