उदासीनता : चालक की लापरवाही से संकट में फंसी स्कूली बच्चे की जान Bareilly News
नियमों और सख्ती को फाइल में दफ्न करे बैठे परिवहन अधिकारियों की लापरवाही से एक मासूम के जीवन पर संकट खड़ा हो गया।
जेएनएन, बरेली : नियमों और सख्ती को फाइल में दफ्न करे बैठे परिवहन अधिकारियों की लापरवाही से एक मासूम के जीवन पर संकट खड़ा हो गया। बुधवार को स्कूल से पढ़ कर आ रहा पांच वर्षीय बच्चा कुतुबखाना में ऑटो अनियंत्रित होने पर तेजी से सड़क पर गिर पड़ा। उसके शरीर व पेट में गंभीर चोट आई। स्थिति गंभीर होने पर पेट का ऑपरेशन कराना पड़ा।
चालक की लापरवाही से घटी घटना
मलूकपुर बजरिया निवासी रोहित रस्तोगी का बेटा सक्षम (5) कोहाड़ापीर के गुलाबराय स्कूल में पढ़ता है। रोहित
ने बच्चे के स्कूल आने-जाने के लिए एक ऑटो लगा रखा जो अन्य बच्चों को भी ले जाता है। इसी ऑटो से स्कूल
से लौटते वक्त कुतुबखाना में अचानक हादसा हुआ। ऑटो में तब सक्षम व एक अन्य बच्चा ही थे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि चालक लापरवाही से चला रहा था। लोग बच्चे को जिला अस्पताल ले गए। सूचना पर परिजन आ गए। स्थिति बिगड़ती देख बच्चे को निजी अस्पताल ले गए।
नए नियमों के बावजूद महकमा उदासीन
नए नियमों में ऑटो, टेंपो में स्कूली बच्चों को ले जाना अवैध है। इसके अलावा जिला स्कूल वाहन सुरक्षा समिति और विद्यालय स्तर पर भी परिवहन सुरक्षा समिति बनाई गई। परिवहन विभाग कानूनों को कागज में दफन कर खामोश बैठा है।
ऑटो में नहीं लगा था जाल
रोहित का आरोप है कि चालक रोजाना जिस ऑटो से बच्चों को ले जाता था उसमें जाल लगा था। बुधवार को जो ऑटो लाया उसमें जाल नहीं था। परिजन अब बच्चे का उपचार होने के बाद चालक के खिलाफ कार्रवाई का मन बना रहे हैं।
स्कूली वाहनों में ये होना जरूरी
स्कूल वाहन बस आदि के पंजीकरण के दौरान ड्राइवर का पंजीकरण जरूरी है।
ड्राइवर के पास पांच साल पुराना ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए।
सुरक्षा के लिए वाहन में अनुभवी पुरुष और महिला सहायक होना जरूरी है।
स्पीड गवर्नर के साथ अलार्म जरूरी ताकि तेज रफ्तार से न चलाया जाए।
वाहन से स्कूल आने-जाने वाले बच्चों की सूची चस्पा हो।
स्कूली बच्चों को ऑटो-टेंपो से लेकर जाना नियम विरुद्ध है। ऐसे रूट चिह्नित कर चालकों के खिलाफ कार्रवाई होगी। जयशंकर तिवारी, आरटीओ (प्रवर्तन), बरेली