Terror Funding : ई टिकटिंग के जरिए मिला बरेली से लिंक, पांच संदिग्धों की तलाश में जुटी एटीएस Bareilly News
ई टिकटिंग के जरिये आतंकी फंडिंग में बरेली के युवकों की संलिप्तता सामने आने के बाद आतंकवादी निरोधक दस्ता (एटीएस) ने भी जांच शुरू कर दी।
बरेली, जेएनएन : ई टिकटिंग के जरिये आतंकी फंडिंग में बरेली के युवकों की संलिप्तता सामने आने के बाद आतंकवादी निरोधक दस्ता (एटीएस) ने भी जांच शुरू कर दी। टीम ने जंक्शन पहुंचकर पांचों फोन नंबर लेकर उनसे जुड़े लोगों की जानकारी एकत्र करनी शुरू कर दी है। वहीं रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने कई साइबर कैफे खंगाले। संचालकों से जानकारी ली कि वहां कौन लोग आते हैं।
18 फरवरी को दिल्ली में आरपीएफ ने ई टिकटिंग के जरिये आतंकी फंडिंग के आरोप में 59 लोगों को गिरफ्तार किया था। पता चला कि इस गिरोह में बरेली के पांच लोग भी शामिल हैं, जिनके फोन नंबरों का इस्तेमाल ई टिकटिंग में किया गया। निजी आइडी से ई-टिकट बेचने के इस मामले की जानकारी देते हुए पांचों फोन नंबर बरेली आरपीएफ को सौंपे गए थे। जिसके बाद सोमवार को तीन फोन नंबरों का हवाला देते हुए अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। बाकी दो नंबरों की जांच की जा रही।
मंगलवार को एटीएस इंस्पेक्टर मंजीत सिंह भी अपनी टीम के साथ रेलवे जंक्शन पहुंचे। उन्होंने आरपीएफ से पांचों संदिग्धों के नंबरों की जानकारी ली। ई टिकटिंग के लिए कैसे इन नंबरों का उपयोग किया जाता है, इसके बारे में पूछा। अब एटीएस इन पांचों नंबरों की डिटेल निकलवा रही है। ये फोन नंबर चलाने वाले लोग बरेली में कहां के रहने वाले हैं, किन लोगों के संपर्क में रहे, इसकी जानकारी जुटाई जाएगी।
साइबर सेल से जांच को एसएसपी को लिखा पत्र
आरपीएफ ने जांच में एसएसपी शैलेश पांडेय की मदद भी लेने की तैयारी की है। इस बाबत उन्हें पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया कि पांच नंबर प्रकाश में आए हैं, इन्हें चलाने वाले लोगों के बारे में जानकारी जुटाने में मदद करें।
तीन दिन में दर्ज हुए 35 मुकदमे
टेरर फंडिंग मामले में मुरादाबाद डिवीजन में तीन दिनों के अंदर 35 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। आरपीएफ इंस्पेक्टर विपिन शिशौदिया ने बताया कि बरेली में तीन नंबरों पर मुकदमे हुए हैं।
ई टिकटिंग के जरिये आतंकी फंडिंग की जानकारी होने पर रेलवे जंक्शन गए थे। आरपीएफ से पांचों फोन नंबर लिए हैं। जिनकी कॉल डिटेल व नंबर धारकों की जानकारी संबंधित मोबाइल कंपनी से मांगी जा रही है।
मंजीत सिंह, एटीएस प्रभारी, बरेली
पांच फोन नंबरों में तीन नंबर एक निजी कंपनी व दो नंबर दूसरी निजी कंपनी के हैं। जिनकी जानकारी के लिए कंपनियों को ई मेल किया है। एसएसपी को पत्र लिखकर साइबर सेल से सहयोग करने को कहा गया है।
-विपिन कुमार शिशौदिया, निरीक्षक, आरपीएफ जंक्शन, बरेली