अमरनाथ यात्रा : अचानक आई फोर्स ने कहा - लंगर समेटो और वापस जाओ Bareilly News
अवधेश की पत्नी पंकज ने बताया कि उनके पति पिछले चार सालों से अमरनाथ यात्र के दौरान भंडारा लगाते हैं। परिवार के लोग कारीगर भी साथ जाते हैं। इस साल पांचवीं बार 27 जून से जम्मू गए हैं
बरेली, जेएनएन : सड़कों पर ज्यादातर फोर्स ही दिख रही है। अमरनाथ यात्रियों को वापस भेजा रहा है। लंगर वालों को भी सामान समेटकर वापस जाने के लिए कह दिया गया है। शुक्रवार को अमरनाथ यात्र रोके जाने पर जम्मू में फंसे अवधेश शर्मा ने फोन पर दैनिक जागरण से हुई बातचीत में यह हालात बयां किए। वह शहर से भंडारा लेकर गए हैं। वहीं, शहर में संजय नगर जोशी वाली गली निवासी उनके परिजन सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। शहर से कई अन्य यात्री भी घाटी में फंसे हैं।
फोर्स ने अचानक आकर रोका
अवधेश ने बताया कि भंडारा जम्मू में आर्मी बेस कैंप के पास भगवती नगर स्थित यात्री निवास में लगा है। यहीं से अमरनाथ यात्र बालटाल या पहलगाम के रूट से शुरू होती है। फोर्स ने अचानक यात्र रोकने की आदेश दिया। उन्होंने बताया कि सेना के जवानों ने कहा कि यात्र खत्म हो चुकी है। फोर्स के अगले आदेश मिलते ही वह भी अपना सामान समेटकर वापसी शुरू करेंगे।
27 जून से हैं जम्मू में
अवधेश की पत्नी पंकज ने बताया कि उनके पति पिछले चार सालों से अमरनाथ यात्र के दौरान भंडारा लगाते हैं। परिवार के लोग, कारीगर भी साथ जाते हैं। इस साल पांचवीं बार 27 जून से जम्मू गए हैं। शुक्रवार शाम को जब फोन पर बात पर बात हुई, तो सरकार के यात्र रोकने का पता चला। तुरंत टीवी खोला तब पता चला सुरक्षा कारणों से यात्र रोकी गई। सेना ने पति सहित सभी सभी लंगर वालों को वापस जाने को बोला है। साधन मिलते ही वह शहर आ जाएंगे, लेकिन तब तक पूरा परिवार चिंतित है। उनके साथ साढ़ू सुनील कुमार, साढ़ू का बेटा कुनाल और बदायूं के तीन कारीगर पुत्तन कश्यप, अंकित कश्यप और नेकपाल कश्यप मौजूद हैं।
शुरू हुई कांवड़ियों की वापसी
श्रवण मास के तीसरे सोमवार को भी कांवड़िये भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे। इसके लिए शुक्रवार से कछला और हरिद्वार से जल भरकर लौटने वाले कांवड़ियों की वापसी शुरू हो चुकी है। रामगंगा पुलिस चौकी के आंकड़ों के अनुसार मंगलवार से शुक्रवार रात नौ बजे तक 303 जत्थे रवाना हुए। यह कछला से जल भरकर अपनी कांवड़ यात्र शुरू करेंगे। शुक्रवार रात तक 39 जत्थे वापसी भी कर चुके हैं, जिसमें हाफिजगंज, क्योलड़िया, भोजीपुरा, नवाबगंज, फरीदपुर आदि जगहों से जल भरने गए जत्थे शामिल हैं।
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