हाकी के हीरो सिमरनजीत सिंह बोले, सपने में भी नहीं सोचा था अर्जुन अवार्ड के लिए चयन होना
Arjuna Award 2021 खेल के लिए सबसे प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार के लिए चयनित किए जाने पर सिमरनजीत सिंह काफी खुश हैं। वह अपनी उपलब्धियों का सारा श्रेय अपने परिवार को देते हैं। उनका कहना है कि यह पुरस्कार माता-पिता और दादी को समर्पित रहेगा।
बरेली, जेएनएन। Arjuna Award 2021 : खेल के लिए सबसे प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार के लिए चयनित किए जाने पर सिमरनजीत सिंह काफी खुश हैं। वह अपनी उपलब्धियों का सारा श्रेय अपने परिवार को देते हैं। उनका कहना है कि यह पुरस्कार माता-पिता और दादी को समर्पित रहेगा। गुरुवार को जागरण से हुई बातचीत के दौरान सिमरनजीत ने बताया कि इन दिनों बंगलुरू में उनकी प्रैक्टिस चल रही थी। इसी दौरान पिताजी ने फोन किया। दीपावली पर घर आने का उन्होंने आग्रह किया। बताया कि छोटा भाई अर्शजीत भी आस्ट्रेलिया से आ गया है।
वह वहां रहकर पढ़ाई करता है। पिताजी के आग्रह को टाल नहीं सका और घर के लिए चल दिया। बुधवार की रात यहां पहुंचा हूं। यहां आने के बाद ही जानकारी मिली कि उन्हें खेल जगत के प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार के लिए चुना गया है। सचमुच इससे बड़ी खुशी मेरे लिए कोई और नहीं हो सकती है। सपने में भी नहीं सोचा था कि अर्जुन पुरस्कार के लिए चयनित हो जाऊंगा। खुशी के ये पल अपने परिवार के साथ साझा करने का अवसर पाया है। दीपावली की खुशियां हमारे परिवार के लिए एक ऐसा तोहफा लेकर आई हैं, जिसे पाने की चाहत प्रत्येक खिलाड़ी की रहती है।
पिता बोले, दीपावली का तोहफा मिला : सिमरनजीत सिंह के पिता सरदार इकबाल सिंह बेटे की उपलब्धियों से गद्गद् हैं। बेटे का चयन अर्जुन पुरस्कार के लिए होने पर खुशी जताते हुए बोले- दीपावली पर इससे अच्छा उपहार और कुछ नहीं हो सकता। अर्जुन पुरस्कार मिलना अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। बताते हैं कि इस उपलब्धि से पूरे परिवार में खुशियां छा गई हैं।
सिमरनजीत ने रोशन किया परिवार का नाम : सिमरनजीत की दादी गुरमीत कौर को जब यह बताया गया कि उनके पौत्र को अब देश का प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार मिलने वाला है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्हें सिमरनजीत को गले लगा लिया और भावुक हो गईं। बोलीं-पौत्र ने पूरे देश में परिवार का नाम रोशन कर दिया। हम सभी को उस पर नाज है।
बेटे के घर आने से दोगुनी हुई खुशी : माता मंजीत कौर कहती हैं कि बचपन में सिमरनजीत की शरारतें देखा करती थीं। तब सपने में भी नहीं सोचा था कि यह हाकी का इतना बड़ा खिलाड़ी बन जाएगा। आज अपने खेल की बदौलत ही उसे अर्जुन पुरस्कार के लिए चुना गया। बेटे के घर आने से खुशी दोगुनी हो गई है। वैसे दीपावली तो हर साल आती है लेकिन इस बार की दीपावली हमारे परिवार के लिए खास बन गई।
भाई की उपलब्धि पर है गर्व : मझारा फार्म पर ही रहने वाली सिमरनजीत सिंह की चचेरी बहन गुरमनजीत कौर कहती हैं कि उन्हें अपने इस भाई की उपलब्धियों पर गर्व है। सोचा भी नहीं था कि टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने की खुशी के कुछ समय बाद ही खुशियों का एक और अवसर मिल जाएगा। अर्जुन पुरस्कार पाना बहुत बड़ी उपलब्धि है।