ठेके के फेर में पियक्कड़ बने अप्रैल फूल
-पहले दिन दुकानों पर नहीं पहुंच सका कोटा -शाम को शहर में भटकते रहे शराबी
जागरण संवाददाता, बरेली: पहली अप्रैल को पियक्कड़ भी अप्रैल फूल बन गए। रविवार का अवकाश होने के कारण लोग इंज्वाय करने के मूड में थे लेकिन शराब दुकानों पर पहुंचते ही उन्हें निराशा हाथ लगी। दुकानें खुली थीं लेकिन शराब नहीं थी।
सूबे में एक अप्रैल से नई व्यवस्था लागू हो गई है। पुराने सिंडिकेट के हाथ से छीनकर अब शराब का काम आम जनता के हाथ में पहुंच गया है। 31 मार्च को ही सिंडिकेट से जुड़े लोगों ने दुकानें खाली कर दीं थीं। जिन-जिन लोगों की लाटरी निकली थी उन्होंने एक अप्रैल को अपनी-अपनी दुकानें खोल लीं। दरअसल दुकान पर शराब थी ही नहीं। शहर में संडे के दिन लोग शराब के लिए एक दुकान से दूसरी दुकान चक्कर लगाते रहे। जंक्शन से डीडीपुरम तक दुकानों से लेकर मॉडल शॉप तक पियक्कड़ घूमे लेकिन शराब नहीं मिली। अधिकांश दुकानदारों ने रात आठ बजे ही दुकानें बंद कर दीं थीं। दरअसल, हकीकत यह है कि शराब का कोटा आबकारी विभाग के पास ही नहीं आ पाया। इस वजह से दुकानों तक शराब नहीं पहुंची। बताया जाता है कि सोमवार सुबह तक कोटा आ जाएगा।