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Article 370 : अनुपम खेर के चचेरे भाई बोले, जगी सुकून से जीने की उम्मीद Bareilly News

आदेश मिलने के बाद सुबह के वक्त टैक्सी से निकले थे। कैंपस से बाहर आए तो जोरदार तरीके से धार्मिक नारे गूंज रहे थे। दिल की धड़कन तेज हो चुकी थीं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Tue, 06 Aug 2019 01:00 PM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2019 11:31 PM (IST)
Article 370 : अनुपम खेर के चचेरे भाई बोले, जगी सुकून से जीने की उम्मीद Bareilly News
Article 370 : अनुपम खेर के चचेरे भाई बोले, जगी सुकून से जीने की उम्मीद Bareilly News

बरेली, जेएनएन : इन पलों का इंतजार 27 साल से था। हमारा तो तबादला सरकार ने कश्मीर में हालात सामान्य होने तक कि शर्त पर किया था। एक-एक दिन गिना है। उस दिन को याद करके जब दहशत के आलम में धरती का जन्नत कहे जाने वाले कश्मीर से जान बचाकर निकले थे। कितने खुश हैं, इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते। यह कहना है, रिश्ते में मशहूर फिल्म अभिनेता अनुपम खेर के चचेरे भाई लगने वाले बीजी खेर का।

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बीजी खेर बताते हैं कि आदेश मिलने के बाद सुबह के वक्त टैक्सी से निकले थे। कैंपस से बाहर आए तो जोरदार तरीके से धार्मिक नारे गूंज रहे थे। दिल की धड़कन तेज हो चुकी थीं। जिंदा जम्मू तक पहुंच पाएंगे, इसकी उम्मीद कम लग रही थी लेकिन भाग्य में जिंदगी लिखी थी। पहले जम्मू पहुंचे और वहां से बरेली के लिए निकल आए।

वह भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में असिस्टेंट टेक्निकल अफसर (लैब) हैं। उनके साथ ही 1989-90 के दौरान आठ अफसर तबादला होकर बरेली आए थे। महानगर कॉलोनी में परिवार के साथ रहने वाले बीजी खेर बताते हैं कि उनका परिवार जम्मू में रहता है। नौकरी लगने के बाद उन्हें कश्मीर जाना पड़ा। 

जब कश्मीर में हालात खराब होने लगे और लोगों को मुखबिरी का संदेह जताकर मारा जाने लगा, तब तबादला मांगा था। रावलपुरा स्थित आइवीआरआइ के रीजनल ऑफिस से बरेली तबादला किया गया। हमारे तबादले में लिखा था कि हालात सामान्य होने तक के लिए बरेली भेजा जा रहा है।

सेवानिवृत होने में अब एक साल से कम वक्त बचा है। तब जाकर 27 साल बाद कश्मीर में हालात सामान्य होने का रास्ता साफ हुआ है। पूरी उम्मीद है कि जम्मू और कश्मीर से आतंक का सफाया होगा। बयां नहीं कर सकते किस कदर खुशी मिली है। खेर ही नहीं उनकी पत्नी अंजना कौल, उनकी दोनों बेटियां और उन्हीं की तरह कश्मीर से तबादला होकर आए प्रधान वैज्ञानिक डॉ. ओके रैना, लैब के असिस्टेंट अफसर कुलदीप कुमार भट्ट के परिवार में भी ऐसा ही नजारा है। तीनों परिवारों ने इकट्ठा होकर एक-दूसरे को बधाई दी और मिठाई खिलाई। 

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