बरेली में एक और पीडि़ता अायी सामने, कहा ससुर के साथ रहने को बनाया जा रहा दबाव
ससुर के सामने गिड़गिड़ाई लेकिन, उनके जवाब भी सुन्न करने वाले थे। बोले, बेटा उसे किसी हाल में नहीं रखेगा। रहना है मेरे साथ आ जाओ। बाद में पति ने भी यही बात दोहराई।
बरेली (जेएनएन)। हलाला और तलाक पर उठे इंसाफ के शोर में भी हालात बदलते नहीं दिख रहे। तलाक का दंश झेलने वाली एक और महिला बुधवार को सामने आई। उसे पति ने फोन पर ही तलाक दे दिया है। पीडि़ता ने दोबारा घर में रहने का प्रयास किया तो ससुर के साथ रहने का दबाव बनाया जा रहा है।
बरेली के सीबीगंज की रहने वाली पीडि़ता बुधवार को एसएसपी ऑफिस पहुंची। बताया कि उसकी शादी 2013 में मीरगंज निवासी एक व्यक्ति के साथ हुई थी। पति पहले से ही शादीशुदा था लेकिन, उसने यह बात छिपा ली। जब वह चार माह की गर्भवती हो गई तो मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। एक रोज पति ने फोन पर ही तीन तलाक दे दिया। महिला ने बताया कि बावजूद वह ससुराल लौटी। तब पति ने तीन तलाक का हवाला देते हुए रखने से साफ मना कर दिया।
ससुर के सामने गिड़गिड़ाई लेकिन, उनके जवाब भी सुन्न करने वाले थे। बोले, बेटा उसे किसी हाल में नहीं रखेगा। रहना है मेरे साथ आ जाओ। बाद में पति ने भी यही बात दोहराई। पीडि़ता का कहना है पिता-पुत्र दोनों उस पर लगातार दबाव बना रहे हैं। घर में सुनवाई न होने पर बुधवार को पीडि़ता आम आवाज आर्गेनाइजेशन की फहीमा यासमीन के साथ एसएसपी से इंसाफ मांगने पहुंची। हालांकि, उनसे मुलाकात नहीं हो सकी।
सामूहिक दुष्कर्म के बाद तीन तलाक देकर घर से निकाला
मेरठ : निकाह के तीन वर्ष बाद दहेज की मांग पूरी न होने पर खरखौदा क्षेत्र की रहने वाली विवाहिता के साथ ससुराल में सामूहिक दुष्कर्म किया गया। इसके बाद शौहर ने तीन तलाक देकर पीडि़ता को घर से निकाल दिया। आरोपितों के खिलाफ खरखौदा थाने में तहरीर दी गई है। शिकायतकर्ता के मुताबिक अक्टूबर 2015 में हापुड़ जनपद के धौलाना कस्बे के एक मोहल्ला निवासी युवक के साथ उसका निकाह हुआ था।
आरोप है कि शादी के बाद से ही ससुराली दहेज में कार और दो लाख रुपये मांग रहे थे। मांग पूरी नहीं होने पर ससुर और ननदोई ने शिकायतकर्ता से सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद शौहर ने तीन तलाक देकर उसे ससुराल से निकला दिया गया। थाना खरखौदा के इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी ने बताया कि पीडि़ता का मेडिकल कराने के बाद मामले को परामर्श केंद्र भेज दिया है। जांच के बाद मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
गलत की जा रही हलाला की व्याख्या : उलमा
सहारनपुर : हलाला को लेकर चल रही बहस पर उलमा ने कहा कि मुस्लिम मसलों को जानबूझ कर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। दारुल उलूम अशरफिया के मोहतमिम मौलाना सालिम अशरफ कासमी ने कहा कि हलाला समाज में तलाक की गंदगी को समाप्त करने के लिए एक प्रावधान है। तंजीम उलमा-ए-हिंदी के प्रदेशाध्यक्ष मौलाना नदीम उल वाजदी ने कहा कि हलाला शर्तों के आधार पर नहीं होता है। तंजीम अब्ना-ए-दारुल उलूम के अध्यक्ष मौलाना याद इलाही कासमी ने कहा कि हलाला की गलत व्याख्या की जा रही है। तलाक की शर्त पर कभी हलाला नहीं होता है। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सदस्य आपा खुर्शीदा ने कहा कि तलाक, हलाला व बहुविवाह को मुद्दा बनाकर इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
दूसरी शादी कर जिंदगी संवारें : अतिया तीन तलाक और हलाला का विरोध कर रही सहारनपुर की अतिया साबरी का कहना है कि तलाक के बाद यदि महिला हलाला करवाए तो वह खुद गुनहगार होगी। ऐसी तलाकशुदा महिला को हलाला कराने के बजाय दूसरी शादी कर अपनी जिंदगी संवारनी चाहिए। दूसरी ओर तीन तलाक मामले की मुख्य याचिकाकर्ता एवं सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता फरहा फैज का कहना है कि कि मुस्लिमों के लिए अलग से कोई फैमिली लॉ नहीं है। इसलिए हलाला मामले में दुष्कर्म में ही मुकदमा दर्ज हो सकता है।
बुधवार को फरहा ने कहा कि जो लोग हलाला करवाने और उसमें उसकी मदद के लिए फतवा जारी करते हैं, उन्हें भी मुकदमे में आरोपित बनाया जाना चाहिए। फरहा फैज का कहना है कि मुस्लिमों के लिए बनने वाले कंप्लीट मुस्लिम फैमिली लॉ में तलाक, बहुविवाह, हलाला, पुश्तैनी अधिकारों तथा विरासत जैसे सभी मुद्दों पर पूरा कानून मौजूद हों तभी भारतीय समाज में मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ मिल सकेगा। कहा, भारतीय संविधान में सभी के लिए बराबर कानून है, तो शरई अदालतों का कोई मतलब नहीं बनता, यह सब मौलाना अपने फायदे के लिए करते हैं।