फतवे के बाद मस्जिदों से एलान, जुलूस-ए-मुहम्मदी में डीजे रोकें खानकाहें
मरकजी दारुल इफ्ता से फतवा जारी होने के बाद जुलूस-ए-मुहम्मदी में डीजे नहीं बजाने को लेकर जुमे को मस्जिदों से भी एलान हो गया।
बरेली(जेएनएन)। जुलूस-ए-मुहम्मदी में डीजे नहीं बजाने को लेकर जुमे को मस्जिदों में भी एलान हो गया। इस मामले में मरकजी दारुल इफ्ता से फतवा पहले ही जारी हो चुका है। मस्जिदों के इमामों ने कहा कि अंजुमन डीजे का इस्तेमाल नहीं करें, उन्हें इसके लिए खानकाहों से मना फरमाया जाए।
कोतवाली के पीछे स्थित मोती मस्जिद में तकरीर करते हुए इमाम हाफिज चांद ने कहा कि शरीयत की रोशनी में डीजे बजाने को हराम करार दिया जा चुका है। अंजुमन जुलूस-ए-मुहम्मदी में बगैर डीजे के आएं, यह काम जिम्मेदारी से अंजाम दिए जाने की जरूरत है। आयोजन करने वाली अंजुमन की तरफ से एलान हो चुका है। दरगाह आला हजरत से भी डीजे नहीं लाने का आह्वान किया जा चुका। बाकी तमाम खानकाहों से भी गुजारिश है कि वे डीजे का इस्तेमाल रोकने के लिए कोशिश करें। मोती मस्जिद के अलावा नौमहला मस्जिद इत्यादि में भी जलूस के दौरान डीजे का इस्तेमाल नहीं करने को लेकर तकरीर की गईं। बता दें कि ईद मिलादुन्नबी पर 20 व 21 नवंबर को जुलूस निकाला जाएगा। उसके लिए अंजुमन इत्तेहादुल मुस्लेमीन और अंजुमन खुद्दामे रसूल की तरफ से तैयारियां की जा रही हैैं। डीजे के साथ हथियार साथ लेकर आने से भी मना किया गया है।
डीजे को जमा पैसे से कराएं बेटी का निकाह
हर मुहल्ले की अंजुमन डीजे के लिए जमा पैसा गरीब बेटी के निकाह पर खर्च करें। गरीब बच्चों की तालीम की व्यवस्था करें। यतीम लोगों के कल्याण का इंतजाम करें। यह निर्णय कोहाड़ापीर स्थित शादी हॉल में हुई अंजुमन ए खुद्दाम ए रसूल की बैठक में हुआ। बैठक की अध्यक्षता दरगाह आला हजरत के प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां सुब्हानी मियां ने की। बैठक में सुब्हानी मियां ने अंजुमनों को निर्देश जारी किए कि जुलूस में चार नारे नारा-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर, नारे रिसालत या रसूल अल्लाह, नारे गौस या गौस, सरकार की आमद मरहबा लगेंगे। अंजुमन के नायब सदर क़ासिम कश्मीरी ने कहा कि 21 नवंबर को निकलने वाले जुलूस-ए-मुहम्मदी में डीजे वाली अंजुमनों पर पाबंदी रहेगी।