Economic Package 2020 : वित्त मंत्री के ऐलान के बाद सब्जी और औषधीय खेती बनेगी सहारा Bareilly News
केंद्र सरकार की ओर से दिए गए विशेष पैकेज के तहत वित्त मंत्री ने शुक्रवार को भी कई ऐलान किए। इनमें सबसे ज्यादा जोर किसानों की दशा सुधारने पर दिया गया है।
बरेली, जेएनएन। केंद्र सरकार की ओर से दिए गए विशेष पैकेज के तहत वित्त मंत्री ने शुक्रवार को भी कई ऐलान किए। इनमें सबसे ज्यादा जोर किसानों की दशा सुधारने पर दिया गया है। टमाटर, आलू, प्याज का उत्पादन करने वाले किसानों को सही दाम दिए जाने की कवायद है। उन्हें ट्रांसपोर्टेशन व कोल्ड स्टोरेज करने पर सब्सिडी दी जाएगी। जिले में आंवला व नवाबगंज में टमाटर की पैदावार सबसे ज्यादा है। आलू पांचो तहसीलों में खूब उगाया जाता है।
डेयरी चलाने वालों के लिए भी मदद की घोषणा की गई है। अभी सबसे ज्यादा दूध उत्पादन फरीदपुर के मैनी गांव में होता है। वहां से सामान्य दिनों में रोजाना करीब 300 लीटर दूध बिक्री होता है। लॉकडाउन में खपत कम हुई तो दूध बिक्री की बजाय मावा तैयार किया जा रहा। ऐसी जगहों पर किसान दूध के लिए प्रोसेसिंग इंडस्ट्री लगा सकेंगे। औषधीय पौधों के लिए 4000 करोड़ रुपए की घोषणा की गई है। यह खेती जिले में आम किसानों तक कम है। कुछ प्रगतिशील किसान बड़े पैमाने पर यह पौधे तैयार कराते हैं। जिससे तैयार हर्बल उत्पाद दूसरे प्रदेशों को भेजे जाते हैं। सरकार की मदद मिलेगी तो छोटे किसान भी मेडिसिनल प्लांट की खेती की ओर बढ़ सकेंगे।
श्यामगंज में रहने वाले श्रम पाल भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए थे। वह पापड़ बनाने का काम करते हैं। छोटा उद्यम है, विस्तार के लिए उन्होंने 6 लाख रूपए के लोन का आवेदन किया था। उन्हें प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना के तहत लोन मिला। डेलापीर में सब्जी का काम करने वाले बाबू बताते हैं कि 2 लाख रुपए की मदद मिली है। मुद्रा लोन की इस रकम को खरीद बिक्री में लगाऊंगा। तो काम बढ़ेगा। इन तीनों के अलावा एक जिला एक उत्पाद के तहत जरी का काम करने वाले जावेद अली को भी 25 लाख रुपए के लोन का चेक मिला। जरी कारोबार से 3 दर्जन से ज्यादा लोग सीधे रोजगार पा रहे हैं। इसके अलावा तैयार प्रोडक्ट की बिक्री तक कई अन्य लोग भी अप्रत्यक्ष रोजगार से जुड़ते हैं। जरी से तैयार साड़ी, सूट देश ही नहीं, विदेशों तक जाते हैं। यहां के कारीगर व कारोबारी माल दिल्ली व जयपुर पहुंचाते हैं, वहां से दूसरी जगह भेजा जाता है।
औषधीय पौधों की खेती में सरकार की मदद मिलेगी तो छोटे किसान भी इसे कर सकेंगे अभी खर्च अधिक आने और जानकारी का अभाव होने के कारण कम किसान ही इस खेती को करते हैं। आधुनिक तरीके से खेती होगी तो अधिक मुनाफा होगा। - संजीव मिश्र, किसान
सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर होती है। टमाटर, आलू, प्याज का उत्पादन होता है। मगर किसानों की लागत पर खर्च अधिक हो जाता है। सही बाजार भी नहीं मिल पाता इसलिए इस खेती में भी बहुत मुनाफा नहीं मिल पाता। सरकार मदद करेगी तभी हालात सुधरेंगे। - सुखलाल, किसान