भविष्य की पीढ़ी में भर रहे स्वच्छता के संस्कार
ज्ञान के मंदिर में स्वच्छता के संस्कार। बच्चों अपने घर, विद्यालय, मुहल्ले और शहर को साफ रखने की प्रेरणा भर रहे अनिल मैनी।
पीलीभीत(जेएनएन)। ज्ञान के मंदिर में स्वच्छता के संस्कार। बच्चों अपने घर, विद्यालय, मुहल्ले और शहर को साफ-सुथरा रखने की प्रेरणा भर रहे हैं अनिल मैनी। 15 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी के आह्वान ने ऐसी लगन जगाई कि बच्चों को सफाई के प्रेरित करने निकल पड़े। सरकारी स्कूलों में सफाई कराते हैं। निश्शुल्क कूड़ेदान रखवाते हैं। बच्चों को उसका उपयोग करने की सीख देते हैं।
शहर में सुनगढ़ी थाने के पीछे रहने वाले अनिल मैनी पेशे से कारोबारी हैं। समाज कार्य में पहले भी रुचि रही। चार साल पहले प्रधानमंत्री ने हर व्यक्ति से सप्ताह में दो घंटे सफाई कार्य के लिए देने की अपील की थी। इस अपील ने जज्बा भरा। लोगों को प्रेरित करने के लिए तो बहुत कार्यक्रम, अपील, आह्वान होते हैं। अनिल ने बच्चों स्वच्छता की सीख देने और उनके घर-घर संदेश पहुंचाने की पहल की।
--स्कूलों में लगवाते हैं कूड़ेदान
इसके लिए संसाधनों के अभाव वाले सरकारी स्कूल चुने। वह बच्चों को विदेशों में सफाई के प्रति लोगों की जागरूकता के उदाहरण देते। हर सरकारी विद्यालय में अपने संसाधन से कूड़ेदान रखवाते हैं। अब तक 28 स्कूलों में यह कूड़ेदान रखवा चुके हैं। बच्चे में इसके प्रयोग की आदत पड़ने लगी है।
--दो अक्टूबर 2019 तक 150 स्कूल का लक्ष्य
2019 गांधी जी का 150वां जयंती वर्ष है। उनका कहना है कि अगले साल दो अक्टूबर को गांधी जयंती तक 150 सरकारी स्कूलों में कूड़ेदान लगवाने का लक्ष्य है। इसका खर्च भी खुद ही उठाएंगे। उनकी पत्नी शशि मैनी और मित्र डॉ. आदित्य पांडेय, लक्ष्मीकांत शर्मा भी सफाई की इस यात्रा में तत्परता से जुटे हैं।