नहीं मिली एंबुलेंस, चली गई मासूम की जान
संवाद सूत्र, व्यौधन खुर्द (बरेली) : सोमवार को आई आंधी के दौरान हादसा हो गया। बाइक सवार दंपती राह से गुजर रहे थे, इतने में रामनगर- शाहबाद मार्ग पर अचानक एक पेड़ गिर गया। हादसे में बाइक सवार युवक, महिला व उसका बेटा घायल हो गया। ग्रामीणों ने देखा तो मदद के लिए आगे आए। अस्पताल ले जाने के लिए फोन लगाया मगर 108 एंबुलेंस का नंबर उठा ही नहीं।
संवाद सूत्र, व्यौधन खुर्द (बरेली) : सोमवार को आई आंधी के दौरान हादसा हो गया। बाइक सवार दंपती राह से गुजर रहे थे, इतने में रामनगर- शाहबाद मार्ग पर अचानक एक पेड़ गिर गया। हादसे में बाइक सवार युवक, महिला व उसका बेटा घायल हो गया। ग्रामीणों ने देखा तो मदद के लिए आगे आए। अस्पताल ले जाने के लिए फोन लगाया मगर 108 एंबुलेंस का नंबर उठा ही नहीं। घायलों में बच्चा बिलख रहा था। राहगीर व उसकी मां बार-बार फोन लगाए जा रही थी मगर हर बार निराशा हाथ लगी। मजबूरन 102 एंबुलेंस को फोन किया। कॉल तो उठ गई मगर वहां ऑपरेटर ने यह कहकर मजबूरी जता दी कि यह सेवा तो सिर्फ जननी सुरक्षा के लिए है। देर होती गई, किसी तरह घायल पीएचसी पहुंचे। वहां से बच्चे को जिला अस्पताल भेजा मगर तब तक इलाज मिलने में इतनी देर हो चुकी थी कि बच्चे की जान चली गई।
ग्राम जगन्नाथपुर के चंद्रभान कश्यप अंबाला में रहकर मजदूरी करते हैं। पत्नी सुनीता बच्चों के साथ गांव में रहती हैं। सोमवार को वह गांव के नंदकिशोर की बाइक पर रामनगर की पंजाब नेशनल बैंक शाखा से रुपये निकालने के लिए जा रहीं थीं। रास्ते में तेज हवा चलने लगी। वे रामनगर-शाहबाद मार्ग पर गांव जंगबादपुर के पास पहुंचे थे कि अचानक सड़क किनारे का एक पेड़ उनकी बाइक पर गिर गया। हादसे में तीनों घायल हो गए। सड़क पर पड़े थे, यह देखकर वहां से गुजर रहे लोगों ने मदद की। सभी को संभाला। फिर महिला ने 108 एंबुलेंस को फोन किया लेकिन नहीं उठा। 102 एंबुलेंस पर कॉल की। फोन रिसीव हो गया मगर घटना के बारे में जानकारी मिलने के बाद ऑपरेटर ने कहा कि यह एंबुलेंस सेवा दुर्घटना से जुड़े केस को नहीं ले जाती है। काफी देर तक घायल वहीं पड़े रहे। देर होने के साथ बच्चे की हालत बिगड़ती गई। किसी अन्य साधन से सभी को पहले पीएचसी पहुंचाया गया। बच्चे की हालत बिगड़ती जा रही थी। उसे तुरंत बरेली के जिला अस्पताल लाया गया। वहां उपचार के दौरान बच्चे लोकेश (6) की मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना था कि यदि समय पर एंबुलेंस आ जाती तो बच्चे की जान बच जाती।
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102 एंबुलेंस सेवा महज जननी सुरक्षा योजना के लिए है। वहीं आपातकालीन सेवा 108 का फोन नहीं उठा तो यह गंभीर विषय है। सीएमओ से इस बाबत शिकायत की जानी चाहिए। शिकायत मिलने पर मामले की जांच करा कार्रवाई भी करवाई जाएगी।
- कमलेंद्र गुप्ता, सीएमएस, जिला अस्पताल